बदहालीlगोरुबथान टार इलाके में सड़कें जर्जर, होम स्टे बनानेवालों को भी लग रहा है भारी घाटा

पर्यटकों ने आना बंद किया, कारोबारी परेशान बारिश के दिनों में वाहनों की आवाजाही लगभग बंद प्रशासन से मिल रहा है सिर्फ आश्वासन मालबाजार : कालिम्पोंग के गोरुबथान टार इलाके में जर्जर सड़क के कारण पर्यटकों का पहुंचना नामुमकिन हो गया है. जिससे वहां होम स्टे बनाकर पर्यटकों का इंतजार कर रहे छोटे- मोटे व्यवसायियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2018 3:20 AM

पर्यटकों ने आना बंद किया, कारोबारी परेशान

बारिश के दिनों में वाहनों की आवाजाही लगभग बंद
प्रशासन से मिल रहा है सिर्फ आश्वासन
मालबाजार : कालिम्पोंग के गोरुबथान टार इलाके में जर्जर सड़क के कारण पर्यटकों का पहुंचना नामुमकिन हो गया है. जिससे वहां होम स्टे बनाकर पर्यटकों का इंतजार कर रहे छोटे- मोटे व्यवसायियों की हालत खराब है. खराब सड़क के कारण पर्यटक वहां जाने से कतराते हैं. वहां के लगभग 20 होम स्टे मालिक अपनी लागत के पैसे भी नहीं निकाल पा रहे है. बारिश के दिनों में यहां सड़कें फिसलन भरी हो जाती है. उस पर सड़क के टूटे- फूटे होने के कारण दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है. जिससे गाड़ियों की आवाजाही बंद हो जाती है. स्थानीय लोग सड़क मरम्मत के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके है. लेकिन अब तक मरम्मत नहीं करायी गयी है. हालांकि ब्लॉक प्रशासन की ओर से जल्द जल्द काम करवाने का आश्वासन दिया है.
स्थानीय होम स्टे मालिकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनके गांव में कभी अनेक पर्यटक आते थे. इसे देखते हुए कुछ कमाने के साथ ही पर्यटकों की सुविधा के लिए होम स्टे का निर्माण किया गया है. लेकिन सड़कें टूटी होने के कारण उनका व्यवसाय अब बंद होने के कगार पर है. क्योंकि अब यहां इक्का दुक्का ही पर्यटक पहुंचते है. सड़के खराब होने के कारण आने जाने का खर्चा भी दोगुना हो गया है. प्रशासन से शिकायत करने का भी कोई फायदा नहीं हुआ.
गोरुबागान के बीडीओ विश्वरंजन चक्रवर्ती ने बताया कि सड़कें खराब होने की जानकारी मिली है. छानबीन के बाद जरुरी कदम उठाए जायेंगे. डालिम ग्राम पंचायत के नॉर्थ जोन, राइगांव, लिंबुगांव, लेपचा गांव, वजगांव, तमामंग गांव तथा डालिम फॉरेस्ट विलजे इलाके को गोरुबाथान टार कहा जाता है. यह इलाका स्वादिष्ट संतरे के लिए भी प्रसिद्ध है. इसके साथ ही पहाड़ के ढलान पर आदी, लहसन, पहाड़ी मिर्च, इलाइची एवं झाड़ु की खेती भी होती है. इसकी पहाड़ी इलाके की अपनी अलग पहचान है.
जिसके लिए पर्यटक यहां खींचे चले आते है. लेकिन गोरुबाथान टार के पूरे इलाके में लगभग चार किलोमीटर तक सड़क की हालत खराब है. बारिश के समय परिस्थिति और भयावह हो जाती है. उस समय इस सड़क पर गाड़ियों की आवाजाही बंद हो जाती है. किसी के बीमार पड़ने पर प्राइवेट कार किराये पर लेकर जान जोखिम में डालकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. बारिश के दिनों में गाड़ी बंद रहने के कारण देश के शेष भाग से यहां के लोगों का संबंध लगभग टूट जाता है. उस समय यहां भुखमरी की हालत हो जाती है.

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