तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में ऑस्ट्रेलियाई नागरिक गिरफ्तार

विधाननगर दक्षिण थाने की पुलिस ने दबोचा कोलकाता का एक व्यवसायी था पार्टनर कोलकाता : विधाननगर की पुलिस ने तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में एक कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार व्यक्ति ऑस्ट्रेलियाई नागरिक है. उसका नाम अरी मार्क्स उर्फ ए मंड बताया गया है. उसके एक सहयोगी पार्टनर टी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2018 3:43 AM

विधाननगर दक्षिण थाने की पुलिस ने दबोचा

कोलकाता का एक व्यवसायी था पार्टनर
कोलकाता : विधाननगर की पुलिस ने तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में एक कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार व्यक्ति ऑस्ट्रेलियाई नागरिक है. उसका नाम अरी मार्क्स उर्फ ए मंड बताया गया है. उसके एक सहयोगी पार्टनर टी. व्हारथराजन को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. पार्टनर कोलकाता का रहने वाला है. आरोप है कि पिछले कुछ साल से मार्क्स ने उसकी कंपनी को चमड़े सप्लाई करने वाली कई संस्थाओं व कंपनियों के बकाये का भुगतान नहीं किया था. वह तीन करोड़ रुपये का भुगतान किये बिना कंपनी को बंद कर भागने की फिराक में था.
क्या है मामला: पुलिस के मुताबिक, मार्क्स ने 2013 में सॉल्टलेक के एएल ब्लॉक में फेगान एक्सपोर्ट नाम की कंपनी खोल कर लेदर का व्यवसाय शुरू किया. उसे कई छोटी-बड़ी कंपनियां कच्चे माल के तौर पर चमड़े की आपूर्ति करती थी. वह शुरू में तो कच्चे माल के पैसे का भुगतान करता रहा. लेकिन 2015 से उसने भुगतान बंद कर दिया.
तीन करोड़ रुपये…
लेकिन व्यवसाय चालू रखा. वह विभिन्न संस्थाओं से कच्चा माल लेता रहा. इस तरह उसकी कंपनी पर बकाया बढ़ता गया. वह बकाया भुगतान को लेकर टालमटोल करता रहा. पिछले 18 फरवरी को फैक्टरी से मशीन हटाकर उसने कंपनी बंद कर दी और फरार हो गया. उसकी कंपनी में काम कर रहे 200 लोग अचानक संकट में आ गये. सभी ने मिलकर विधाननगर दक्षिण थाने में शिकायत दर्ज करायी. सोमवार रात को पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया.
13 दिसंबर 2017 को भी शिकायत दर्ज करायी गयी थी
3 दिसंबर 2017 को पीआर लेदर के रामा कांटा साहू की ओर से फेगान एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी व उसके डॉयरेक्टर अरी मार्क्स और टी. व्हारथराजन के खिलाफ विधाननगर दक्षिण थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी कि चमड़ा सप्लाई के कुल 36 लाख 93 हजार 426 रुपये कंपनी पर बकाया है. कंपनी इसका भुगतान नहीं कर रही है. शिकायत के बाद मामले की जांच पड़ताल शुरू हुई. इधर, पता चला कि कंपनी ने इस तरह से कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है.
पुलिस का कहना है कि आरोपी मालिक के खिलाफ आइपीसी की धारा 406/420/506/120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है. उसके एक सहयोगी पार्टनर को भी हिरासत में लिया गया है. उससे पूछताछ की जा रही है. पता लगाया जा रहा है कि इनके साथ और कौन-कौन लोग जालसाजी में शामिल है?

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