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दार्जिलिंग से हटाये जायेंगे अर्द्धसैनिक बल

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By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2018 1:43 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आठ मार्च के बाद अर्द्धसैनिक बलों को हटाने की अनुमति दी

शीर्ष अदालत ने कलकत्ता हाइकोर्ट के फैसले को निरस्त किया
कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाइकोर्ट के उस फैसले को निरस्त कर दिया है, जिसमें दार्जिलिंग और कलिम्पोंग से अर्द्धसैनिक बलों को हटाने के केंद्र के फैसले पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों को आठ मार्च के बाद हटाने की अनुमति दे दी है. बुधवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने मेघालय के विधानसभा चुनाव के लिए अर्द्धसैनिक बलों की सौ कंपनियों की मांग की है.
उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आठ मार्च के बाद सभी अर्द्धसैनिक बलों को दार्जिलिंग और कलिम्पोंग से हटाने की अनुमति दे दी. पिछली सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार की अर्द्धसैनिक बलों को हटाने की मांग का विरोध किया था.
दार्जिलिंग से हटाये…
उन्होंने कहा था कि अगर अर्द्धसैनिक बलों को हटाया जायेगा तो गोरखा आंदोलन से तबाह इलाका और तबाह हो जायेगा. 27 अक्तूबर 2017 को केंद्र सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में तैनात अर्द्धसैनिक बलों की 15 कंपनियों को हटाने की अनुमति दे दी थी.
केंद्र सरकार ने दायर की थी याचिका
केंद्र सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में अर्द्धसैनिक बलों की 15 कंपनियों की तैनाती हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को निरस्त कर दिया गया था. गौरतलब है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने पिछले 17 अक्तूबर को केंद्र सरकार के अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती हटाने के आदेश को निरस्त कर दिया था. केंद्र सरकार के फैसले को पश्चिम बंगाल सरकार ने हाइकोर्ट में चुनौती दी थी.

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