बाबूघाट व धर्मतल्ला से हटेगा बस स्टैंड !

कोलकाता: वायु प्रदूषण से महानगर के प्रमुख विरासत स्थल विक्टोरिया मेमोरियल के अस्तित्व को खतरा पर हाइकोर्ट के चिंता जताने व बाबूघाट एवं धर्मतल्ला बस डिपो को कही और हस्तांतरित करने के निर्देश के बाद राज्य सरकार इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि हाइकोर्ट ने विक्टोरिया के अस्तित्व को बचाये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:43 PM

कोलकाता: वायु प्रदूषण से महानगर के प्रमुख विरासत स्थल विक्टोरिया मेमोरियल के अस्तित्व को खतरा पर हाइकोर्ट के चिंता जताने व बाबूघाट एवं धर्मतल्ला बस डिपो को कही और हस्तांतरित करने के निर्देश के बाद राज्य सरकार इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि हाइकोर्ट ने विक्टोरिया के अस्तित्व को बचाये रखने के लिए बाबूघाट स्थित बस स्टैंड व धर्मतला बस डिपो को हटाने का निर्देश जारी किया है.

कोर्ट के इस निर्देश से जहां एक ओर सरकार की नींद उड़ी हुई है, वहीं दूसरी ओर इन बस स्टैंडों से जुड़े बस मालिकों व अन्य भी सकते में है. अब उन्हें उनकी रोजी-रोटी की समस्या सताने लगी है. इस समस्या के समाधान के लिए शुक्रवार को बस मालिकों, श्रमिकों व राज्य के परिवहन मंत्री के बीच महानगर स्थित खुदीराम बोस अनुशीलन केंद्र में एक बैठक हुई.

मंत्री ने दिया प्रस्ताव
बैठक में परिवहन मंत्री ने बस मालिकों को उक्त बस डिपो को बाबूघाट से हटा कर महानगर के तारातल्ला, जोका ,कसबा, ठाकुरपुकुर, बेलघड़िया व नीलडांगा में से किसी एक जगह पर डिपो स्थानांतरित किये जाने की सलाह दी. लेकिन इस सुझाव को बस मालिक मानने को तैयार नहीं है. वे अपनी रोजी रोटी का मुद्दा बना कर उक्त डिपो को किसी नजदीकी स्थान पर स्थानांतरित किये जाने की मांग पर अड़े हुए है. मंत्री ने पंचायत चुनाव के बाद उनके मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है.

क्या कहना है यूनियन का
बाबूघाट वर्कर्स यूनियन के जनरल सेक्रेटरी एमडी बजीर खान ने बताया कि बस स्टैंड व इस व्यवसाय से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से करीब पांच से 10 लाख लोग जुड़े हुए है. उन्होंने बताया कि एक बस को सुचारू रूप से चलाने के लिए करीब 10 से 18 लोगों की आवश्यकता पड़ती है. बस स्टैंड को हटाने से इन लोगों की रोजी-रोटी खरते में पड़ जायेगी. इसलिए सभी बस मालिकों की ओर से सरकार को एक सुझाव दिया गया है.

बस मालिकों की मांग
1. उक्त बस डिपो को महानगर के दुर्गम स्थान पर न ले जाकर किसी निकटवर्ती स्थान पर स्थानांतरित करे
2. विद्यासागर सेतु के पास स्थित एचआरबीसी बिल्डिंग के पास डिपो बनाया जाये
3. इसके पीछे मालिकों का यह तर्क है कि एचआरबीसी बिल्डिंग के पास काफी खाली जमीन है. अगर यहां डिपो बनाया जाता है तो इससे उनके व्यवसाय पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा
4. यह भी तर्क कि बाबूघाट व धर्मतल्ला दोनों ही बस डिपो के पास स्थित है विद्यासागर सेतु.
12 सदस्यीय कमेटी का गठन

बैठक में मंत्री मदन मित्र के निर्देश पर एक 12 सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है, जो इस मुद्दे पर आम सहमति बनाकर सरकार के समक्ष अपनी सुझाव रखेगी. मालूम रहे कि बाबू घाट बस डिपो से करीब 90 फीसदी बस झारखंड, बिहार व ओड़िसा जाती है.

क्या कहा परिवहन मंत्री ने
बैठक के बाद संवाददाताओं से परिवहन मंत्री ने कहा कि डिपो को स्थानांतरित किये जाने का प्रस्ताव दिया गया है, लेकिन बस मालिक सहमत नहीं है. वह उक्त डिपो को विद्यासागर सेतु के पास ले जाना चाहते है. उनके इस मांग पर पंचायत चुनाव के बाद सरकार विचार करेगी.

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