नहीं माना वामो, तोड़ा कानून
कोलकाता: सरकारी फरमान को नजरअंदाज कर वाम मोरचा ने शुक्रवार महानगर में कानून भंग आंदोलन किया. इस दौरान रानी रासमणि एवेन्यू में वामो समर्थकों का जन सैलाब उमड़ा था. हालांकि कानून अवज्ञा आंदोलन राज्यभर में किया गया. कोलकाता में इस आंदोलन को लेकर गहमागहमी अधिक रही, क्योंकि 25 मई को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के […]
कोलकाता: सरकारी फरमान को नजरअंदाज कर वाम मोरचा ने शुक्रवार महानगर में कानून भंग आंदोलन किया. इस दौरान रानी रासमणि एवेन्यू में वामो समर्थकों का जन सैलाब उमड़ा था. हालांकि कानून अवज्ञा आंदोलन राज्यभर में किया गया.
कोलकाता में इस आंदोलन को लेकर गहमागहमी अधिक रही, क्योंकि 25 मई को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के बाद कोलकाता पुलिस ने महानगर में कानून भंग आंदोलन पर रोक लगाने के साथ मेट्रो चैनल में सभी राजनीतिक दलों की सभा पर पाबंदी लगाने का फरमान सुनाया था.
इस फरमान के बावजूद वाम मोरचा ने कानून भंग आंदोलन महानगर में किया, जिसमें कद्दावर वामपंथी नेतागण मौजूद रहे. कानून भंग आंदोलन के तहत करीब 1,849 वामपंथी नेता व कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण ढंग से गिरफ्तारी भी दी.
सरकार के समक्ष आठ सूत्री मांग
कानून भंग आंदोलन के दौरान वाम मोरचा ने तृणमूल सरकार से एसएफआइ समर्थक छात्र सुदीप्त गुप्त की मौत मामले की न्यायिक जांच, अदालत की निगरानी में सारधा कांड की जांच सीबीआइ से कराये जाने की, खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने, बेरोजगारों को रोजगार की व्यवस्था, महिलाओं को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने समेत करीब आठ सूत्री मांगे रखी गयीं.
पुलिस के बंदोबस्त की आलोचना
वाम मोरचा के आला नेताओं ने रानी रासमणि एवेन्यू में पुलिस व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जम कर आलोचना की. जिस स्थान पर वाम मोरचा का सभा मंच बना हुआ था. उसके ठीक बांयी ओर क्रेन पर चढ़ कर भीड़ पर निगरानी करने वाले पुलिस कर्मी की भूमिका पर नेताओं ने सवाल खड़े किये.
रानी रासमणि एवेन्यू के आवाजाही मार्ग के दोनों ओर, एसप्लानेड मेट्रो के पास व ट्राम डिपो के निकट पुलिस बैरिकेड लगाये जाने को वामपंथियों ने व्यर्थ बताया. कहा कि शांतिपूर्ण से आंदोलन करना प्रत्येक दल व लोगों का संवैधानिक अधिकार है.