अंत्येष्टि में हुई एक घंटे की देर एक घंटा आवेदन की भेंट चढ़ा

तीन घंटे की बजाय मात्र एक घंटा मिला पेपर हल करने के लिए अतिरिक्त समय भी नहीं दिया गया प्रधानाध्यापिका ने जतायी नाराजगी, मध्य शिक्षा पर्षद से करेंगी शिकायत हावड़ा : मां का अंतिम संस्कार करने के बाद एक माध्यमिक परीक्षार्थी दौड़ता हुआ अपने स्कूल पहुंचा आैर प्रधानाध्यापिका को पूरी बात बतायी. प्रधानाध्यापिका ने उक्त […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2018 1:45 AM

तीन घंटे की बजाय मात्र एक घंटा मिला पेपर हल करने के लिए

अतिरिक्त समय भी नहीं दिया गया
प्रधानाध्यापिका ने जतायी नाराजगी, मध्य शिक्षा पर्षद से करेंगी शिकायत
हावड़ा : मां का अंतिम संस्कार करने के बाद एक माध्यमिक परीक्षार्थी दौड़ता हुआ अपने स्कूल पहुंचा आैर प्रधानाध्यापिका को पूरी बात बतायी. प्रधानाध्यापिका ने उक्त अंचल के परीक्षा केंद्र के प्रभारी अमरेश मजूमदार को फोन कर पूरा घटनाक्रम सुनाया और कहा कि वह छात्र को लेकर परीक्षा केंद्र पहुंच रही हैं. उसे परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाय. आरोप है कि कागजी कार्रवाई पूरी करने में ही एक घंटे निकल गये. जब परीक्षा देने बैठा तो दो घंटे बित चुके थे. एक घंटे में छात्र ने पेपर दिया. परिस्थिति से अवगत होने के बावजूद उसे अतिरिक्त समय नहीं दिया गया. यह घटना डोमजूर के राजापुर दक्षिण दांड़ी उच्च विद्यालय की है.
श्मशान घाट से सीधे पहुंचा स्कूल
छात्र अभय शाह मामा के घर रहता है. पिता की मौत पहले ही हो गयी है. मां अंजु शाह काफी दिनों से बीमार थी. गुरुवार रात में मां ने भी दम तोड़ दिया. शुक्रवार सुबह मामा व अन्य परिजनों के साथ अभय श्मशान घाट पहुंचा आैर मां को मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार पूरा होते-होते दोपहर साढ़े बारह बज गया. मामा के साथ वह अपने स्कूल पहुंचा आैर पूरी घटना की जानकारी स्कूल की प्रधानाध्यापिका अर्पिता गुहा को दी. प्रधानाध्यापिका ने बिना देर किये परीक्षा केंद्र इंचार्ज अमरेश मजूमदार को फोन पर अभय के बारे में बताया.
तीन पत्र जमा करने के बाद ही छात्र को परीक्षा हॉल में बैठने की मिली अनुमति
प्रधानाध्यापिका ने कहा कि शुरू में श्री मजूमदार ने अभय को परीक्षा में बैठने देने से इनकार कर दिया. लेकिन उन्होंने कहा कि वह अभय को लेकर परीक्षा केंद्र जा रही हैं. कागजी कार्रवाई बाद में होगी, पहले उसे परीक्षा में बैठने दिया जाये. लेकिन बिना आवेदन के अभय को परीक्षा हॉल में बैठने नहीं दिया गया. आखिरकार, तीन पत्र लिखकर परीक्षा केंद्र में जमा किया गया. करीब दोपहर दो बजे अभय इतिहास का पेपर देने बैठा. अर्पिता ने कहा कि एक बच्चे की मां की मौत हो गयी, बावजूद इसके उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया. दूसरी ओर इंचार्ज अमरेश मजूमदार ने कहा कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका को पहले घटना की जानकारी देनी चाहिए थी आैर जल्द छात्र को स्कूल में लाना चाहिए था. छात्र को आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया था लेकिन उसने अतिरिक्त समय के पहले ही कॉपी जमा कर दी.

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