ममता की छांव में मुकुल पुत्र का बढ़ा मान

क्लबों को दिये जाने वाले अनुदान को बांटने की जिम्मेदारी शुभ्रांशु राय को दी गयी ममता बनर्जी ने उत्तर 24 परगना के जिलाध्यक्ष ज्योतिप्रिय मल्लिक को शुभ्रांशु के साथ गिला शिकवा दूर करने की हिदायत दी थी कोलकाता : ममता के हस्तक्षेप से मुकुल राय के पुत्र शुभ्रांशु राय का तृणमूल कांग्रेस में फिर से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2018 8:55 AM
क्लबों को दिये जाने वाले अनुदान को बांटने की जिम्मेदारी शुभ्रांशु राय को दी गयी
ममता बनर्जी ने उत्तर 24 परगना के जिलाध्यक्ष ज्योतिप्रिय मल्लिक को शुभ्रांशु के साथ गिला शिकवा दूर करने की हिदायत दी थी
कोलकाता : ममता के हस्तक्षेप से मुकुल राय के पुत्र शुभ्रांशु राय का तृणमूल कांग्रेस में फिर से मान बढ़ा. तृणमूल कांग्रेस के उत्तर 24 परगना जिलाध्यक्ष ज्योतिप्रिय मल्लिक उनको नयी जिम्मेदारी देने को तैयार हुए.
अनिच्छा के बावजूद राज्य सरकार द्वारा इलाके के क्लबों को दिये जाने वाले एक लाख रुपये के अनुदान को बांटने की जिम्मेवारी शुभ्रांशु को देनी पड़ी. इसके अलावा पार्टी सुप्रीमो के निर्देश पर जिलाध्यक्ष को आपसी मनमुटाव दूर करने के लिए अलग से शुभ्रांशु के साथ बैठक भी करनी पड़ी.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, पंचायत चुनाव के पहले पार्टी के संगठन को चंगा रखने के साथ आपसी मनमुटाव को दूर करने का निर्देश ममता बनर्जी ने सबको दे रखा है. इस कड़ी में ममता बनर्जी ने उत्तर 24 परगना के जिलाध्यक्ष को खासतौर पर शुभ्रांशु के साथ गिला शिकवा दूर करने की हिदायत देते हुए उसे पार्टी में सक्रिय करने को कहा था.
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले उत्तर 24 परगना जिले मेें सरकारी कार्यक्रम और जनसभा में मुख्यमंत्री गयी थीं, लेकिन उस सभा में बीजपुर के विधायक को घुसने नहीं दिया गया था. उस वक्त नाम लिये बगैर शुभ्रांशु ने ज्योतिप्रिय मल्लिक के खिलाफ गुटबाजी करने व षडयंत्र करने जैसे गंभीर आरोप लगाये थे. विधानसभा में ममता से मिलने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया था कि वह उक्त सभा में गये थे, लेकिन उनको घुसने नहीं दिया गया. ज्योतिप्रिय मल्लिक की ओर से मुख्यमंत्री को बताया गया था कि वह नहीं आये हैं. जबाव में शुभ्रांशु ने कहा था : मैं उक्त सभा में गया था कि नहीं इस बात की अगर कोई पुष्टि करना चाहता है तो वहां लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगाल ले. कौन झूठ बोल रहा है पता चल जायेगा.
गौरतलब है कि पिछले साल दुर्गापूजा के दौरान मुकुल राय ने तृणमूल कांग्रेस से अपना नाता तोड़ लिया था. इसके बाद से ही ज्योतिप्रिय मल्लिक लगातार शुभ्रांशु पर हमलावर थे. वह पूरे मामले को पिता पुत्र का नाटक करार देते हुए शुभ्रांशु को हासिये पर ला दिये थे. उनके बयानों से एक तरफ शुभ्रांशु के समर्थक तो नाराज हो रहे थे, दूसरी तरफ पार्टी के अन्य कार्यकर्ता और समर्थक भी इसे गलत मान रहे थे. संदेह का वातावरण इस कदर बढ़ गया था कि कांचरापाड़ा के चेयरमैन को सामने रखकर पूरी कार्रवाई की जा रही थी. स्थानीय विधायक शुभ्रांशु राय को अलग ही रखा जाता था. बाद में ममता बनर्जी के निर्देश पर इलाके के 27 क्लबों को राज्य सरकार से मिलनेवाले अनुदान को बांटने का जिम्मा ज्योतिप्रिय ने शुभ्रांशु के हवाले किया. हालांकि इस बाबत दोनों ही नेता कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं, लेकिन आम तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता खुश हैं.

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