बड़ाबाजार में दो दिवसीय गणगौर मेला शुरू
कोलकाता. होलिका दहन के बाद से लगातार सोलह दिनों तक घर-घरों में गणगौर पूजन के बाद परम्परा के अनुसार तीज को मां गवरजा भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकली. इसी के साथ बड़ाबाजार और अन्य स्थानों पर दो दिवसीय गणगौर मेला शुरू हुआ. शाम होते ही लोगों की भीड़ गंगाघाट पर मां गवरजा को पानी पिलाने की रस्म को देखने की उत्सुकता के साथ उमड़ पड़ी. घरों में गणगौर पूजन करने वाली बालिकाएं, युवतियां और महिलाएं भी अपनी अपनी गवर को लेकर गंगा नदी के तट पर पहुंचीं. यहां मां को जल पिलाने की रस्म अदा हुई.
बड़ाबाजार गणगौर मेले में हिस्सा लेनेवाली सभी नव गणगौर मंडलियों ने गंगा नदी के तट पर मां को पानी पिलाने के साथ आरती भी उतारी. चंद्रमा की शीतल मद्धिम रोशनी में मां के चमकते मुखमंडल के दर्शन कर भक्त भाव विभोर हो उठे. बोल गवरजा माता की जयकारों से गंगा नदी तट परिसर गूंज उठा. मां को पानी पिलाने की रस्म पूरी करने के बाद सभी नव गणगौर मंडलियां फिर से बड़ाबाजार पहुंची. ढोल-ताशे और गाजे-बाजे के साथ नगर भ्रमण के लिए मां की शोभायात्रा का दृश्य अभूतपूर्व रहा.
चारो तरफ आनंद उत्साह का माहौल नजर आ रहा था. मां के आगमन की बाट जोह रहे भक्तों के चेहरे पर आनंद के भाव थिरक आये जब सभी गणगौर बड़ाबाजार मेला परिसर में पहुंची. गीत वंदना के साथ सभी ने मां को रिझाया.नव गणगौर मंडलियों द्वारा मेला परिसर में जगह-जगह रुककर सामूहिक गीत वंदना की प्रस्तुतियां दी गयी, जिसमें खड़े लोगों ने भी साथ दिया और गीतों की पुस्तिका को देखकर हर एक पंक्तियों को दोहराया.हर एक मोड़ पर स्वागत मंच बनाया गया. जिसमें नगर की विभिन्न संस्थाओं ने गणगौर मंडलियों का स्वागत किया.
मालापाड़ा से लेकर बांसतल्ला और गणेश टांकीज तक मेला का माहौल नजर आया. मां गवरजा की शोभायात्रा के साथ गायन गाड़ियां अौर दर्शनीय झांकियों ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया. बच्चे, बूढ़े, युवा सभी मेले के आनंद में सराबोर नजर आये. बच्चों ने मेले में जहां अपनी अपनी पंसद के व्यंजनों का लुत्फ उठाया. वहीं युवा मेले के प्रत्येक दृश्य को अपने मोबाइल कैमरे में संजोने के लिए बेकरार नजर आये.
युवतियों और महिलाओं ने विभिन्न स्वागत मंचों के पास रखी गयी कुर्सियों में बैठकर मेले का लुत्फ उठाया. स्वागत मंचों के पास पहुंचने वाली गणगौर मंडलियों के साथ सबने मां के स्वागत में गीतों को गुनगुनाया. देर रात प्रथम दिन के मेले का समापन हुआ.