भारत-बांग्लादेश के बीच जलमार्ग का होगा विस्तार

अप्रैल में अंतर्देशीय जल पारगमन व व्यापार प्रोटोकॉल पर उच्चस्तरीय बैठक कोलकाता : भारत-बांग्लादेश के बीच अगले महीने प्रस्तावित अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार प्रोटोकॉल (पीआइडब्ल्यूटीटी) पर होनेवाली उच्चस्तरीय बैठक में मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को अंतिम रूप दिये जाने की उम्मीद है. इसकी जानकारी देते हुए भारतीय अंतरर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के उप चेयरमैन प्रवीर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2018 5:02 AM
अप्रैल में अंतर्देशीय जल पारगमन व व्यापार प्रोटोकॉल पर उच्चस्तरीय बैठक
कोलकाता : भारत-बांग्लादेश के बीच अगले महीने प्रस्तावित अंतर्देशीय जल पारगमन और व्यापार प्रोटोकॉल (पीआइडब्ल्यूटीटी) पर होनेवाली उच्चस्तरीय बैठक में मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को अंतिम रूप दिये जाने की उम्मीद है.
इसकी जानकारी देते हुए भारतीय अंतरर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के उप चेयरमैन प्रवीर पांडे ने कहा कि एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाये, तो अंतर्देशीय जलमार्ग के जरिये कोलकाता से उत्तर-पूर्वी राज्यों और बांग्लादेश तक व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि अगले महीने बैठक होने की संभावना है. इसमें कोई बाधा नहीं है. मानक परिचालन प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाना है और बैठक में इसे पूरा करने का प्रयास होगा. दोनों देश अंतर्देशीय जल पारगमन व व्यापार प्रोटोकॉल के विस्तार पर सहमत हो गये हैं, जिस पर 1972 में हस्ताक्षर हुआ था.
1700 किमी की दूरी घट कर हो जायेगी 500 किमी
श्री पांडे ने कहा कि राष्ट्रीय जलमार्ग एक (एनडब्ल्यू-1) उत्तर- पूर्व क्षेत्र को भारत- बांग्ला प्रोटोकॉल मार्ग से जोड़ेगा. यह उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी से होकर जानेवाले लगभग 1,700 किलोमीटर के मार्ग की दूरी को घटाकर बांग्लादेश से होकर जाने पर करीब 500 किलोमीटर कर देगा. इस मार्ग के खुलने से बांग्लादेश के लिए हल्दिया बंदरगाह के जरिये व्यापार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी और चटगांव बंदरगाह पर भीड़भाड़ भी कम होगी.

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