कोलकाता : देश में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेतृत्व करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पश्चिम बंगाल में बड़ा झटका लगा है. दार्जीलिंग और सिलीगुड़ी में दमदार राजनीतिक पार्टी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने बीजेपी और एनडीए से नाता तोड़ लिया है. हाल ही में आंध्रप्रदेश में सत्तारूढ़ चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के बाद जीजेएम का एनडीए से अलग होना भाजपा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
बताया जा रहा है कि भाजपा से नाराजगी के चलते जीजेएम ने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया है. पहले टीडीपी ने एनडीए से नाराजगी के चलते अपना रिश्ता तोड़ा था. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा नेकहाहै कि भाजपा ने गोरखासमुदायका विश्वास तोड़ा है. जीजेएम प्रमुख एलएम लामा नेकहाकि उनकी पार्टी का अब एनडीएसेकोई नाता नहीं है.
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उन्होंने कहा कि मोर्चा के लोग भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के बयान से नाराज हैं. घोष ने कहा था कि जीजेएम के साथ पार्टी का गठबंधन सिर्फ चुनावी गठबंधन है. उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान ने पार्टी की पोल खोल दी है. उन्होंने कहा कि भाजपा लगातार जीजेएम को अपना दोस्त और एनडीए का सहयोगी बताती रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गोरखासमुदाय के सपने को अपना सपना बताते रहे हैं, लेकिन दिलीप घोष के बयान ने उनकी भी पोल खोल दी है.
जीजेएम प्रमुख ने कहा कि पश्चिम बंगाल में गोरखाओं के लिए भाजपा न तो गंभीर है, न ही उनके प्रतिभाजपा नेताओं की कोई सहानुभूति है. लामा ने कहा कि वर्ष 2009 और 2014 के लोकसभा चुनावों में जीजेएमनेदार्जीलिंग सीट भाजपा को उपहार में दी थी.