बंगाल :राज्य में मात्र 1800 विशेषज्ञ चिकित्सक

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की जनसंख्या के करीब 70 फीसदी लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पताल पर निर्भर करते है. जहां सरकारी स्वास्थ्य में एक लाख 20 हजार बेड हैं ,तो वहीं मात्र 1800 विशेषज्ञ चिकित्सक हैं. जबकि 18000 हजार ऐसे चिकित्सकों की आवश्यकता है. वहीं जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर (जीडीएमओ) 4547 तथा 254 चिकित्सक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2018 4:56 AM
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की जनसंख्या के करीब 70 फीसदी लोग इलाज के लिए सरकारी अस्पताल पर निर्भर करते है. जहां सरकारी स्वास्थ्य में एक लाख 20 हजार बेड हैं ,तो वहीं मात्र 1800 विशेषज्ञ चिकित्सक हैं.
जबकि 18000 हजार ऐसे चिकित्सकों की आवश्यकता है. वहीं जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर (जीडीएमओ) 4547 तथा 254 चिकित्सक ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं. यह जानकारी सर्विस डॉक्टर फोरम के महासचिव डॉ सजल विश्वास ने दी.
उन्होंने बताया कि 2015 में आरटीआई करने पर यह जानकारी उनके हाथ लगी है. डॉ विश्वास ने बताया कि एक ओर राज्य में विशेषज्ञ तथा अन्य आम चिकित्सकों का अभाव है ,तो वहीं उच्च शिक्षा से मेडिकल के छात्रों को वंचित रखा जा रहा है. उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए ट्रेनी रिर्जव (टीआर)सीट की व्यवस्था की जाती है, लेकिन इस वर्ष इस सीट में भी कटौती की गयी.
इस वर्ष मात्र 180 टीआर सीट रखी गयी है. यानी 180 छात्र को ही मास्टर इन मेडिसीन (एमडी) और मास्टर इन सर्जरी (एमएस) करने का मौका मिलेगा. उन्होंने बताया कि टीआर कोटा को बढ़ाने के लिए फोरम की ओर से स्वास्थ्य भवन के अाला अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जायेगा. हमारी मांग पर विचार नहीं किये जाने पर हम कानूनी मदद लेंगे.

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