कोलकाता : नारी शक्ति का प्रतीक है त्रिशूल, तो क्या मां दुर्गा के हाथों से भी त्रिशूल हटायेंगी ममता : लॉकेट

नारी शक्ति से डर रही हैं ममता बनर्जी कोलकाता : त्रिशूल नारी शक्ति का प्रतीक है. मां दुर्गा भी त्रिशूल धारण कर असुरों का विनाश की थी. अगर त्रिशूल हथियार है, तो मुझे देखना है कि क्या ममता बनर्जी दुर्गापूजा में मां दुर्गा के हाथों में भी त्रिशूल धारण पर रोक लगायेंगी? यह कहना है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2018 5:27 AM
नारी शक्ति से डर रही हैं ममता बनर्जी
कोलकाता : त्रिशूल नारी शक्ति का प्रतीक है. मां दुर्गा भी त्रिशूल धारण कर असुरों का विनाश की थी. अगर त्रिशूल हथियार है, तो मुझे देखना है कि क्या ममता बनर्जी दुर्गापूजा में मां दुर्गा के हाथों में भी त्रिशूल धारण पर रोक लगायेंगी? यह कहना है भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी का. रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में विभिन्न जगहों पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से रैली निकाली गयी थी.
इसी दरमियान बीरभूम जिले में एक रैली में हाथ में त्रिशूल लेकर लॉकेट चटर्जी भी रैली में शामिल हुई थीं, जिसके बाद ही सोमवार को बीरभूम जिले की पुलिस ने उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की है. सोमवार को इस प्रसंग में उन्हों‍ने संवाददाताओं को बताया कि पिछले तीन सालों में उन पर बहुत सारी एफआइआर दर्ज की गयी हैं. उन्हें बहुत परेशान करने की कोशिश की गयी, लेकिन वह डरने वाली नहीं हैं. पुलिस ने एफआइआर दायर की है, तो भाजपा भी अपने स्तर से कानूनी सलाह लेंगी.
उन्होंने कहा कि रामनवमी के दिन पुलिस के सामने ही शांतिपूर्ण तरीके से त्रिशूल के साथ रैली निकाली गयी, लेकिन उस समय पुलिस प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया. बीरभूम जिला प्रशासन ने भी शांतिपूर्ण तरीके से सबकुछ होने की बात कही, लेकिन सोमवार को किसके कहने पर अचानक पुलिस ने एफआइआर दायर की है.
इसका जवाब चाहिये. उन्होंने कहा कि रायगंज, नदिया, बशीरहाट, सिलीगुड़ी, बर्दवान समेत विभिन्न जगहों पर आंदोलन व रैलियों के समय अत्याचार व मामले दायर किये गये, लेकिन उससे कुछ नहीं हुआ.
उन्होंने कहा कि मां दुर्गा ने असुर शक्तियों का नाश करने के लिए त्रिशूल उठायी थी, बंगाल में भी नारी शक्ति को दिखाने के लिए त्रिशूल उठाया गया है. उन्होंने कहा कि महिला मुख्यमंत्री के शासन काल में बंगाल में महिलाओं की स्थिति बदहाल होते जा रही है. उन सभी महिलाओं को जगाना है और उन्हें आगे बढ़ाना है.

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