बंगाल : बैंक धोखाधड़ी का मामले में कोलकाता की कंपनी की 55 करोड़ की संपत्ति कुर्क

नयी दिल्ली/कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय( इडी) ने 515 करोड़ रुपये से ज्यादा की कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में धनशोधन की अपनी जांच के सिलसिले में सोमवार को कोलकाता की एक कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी की 55.65 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की. कोलकाता स्थित इडी के जोनल कार्यालय ने धनशोधन रोकथाम कानून( पीएमएलए) के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2018 5:47 AM

नयी दिल्ली/कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय( इडी) ने 515 करोड़ रुपये से ज्यादा की कथित बैंक धोखाधड़ी के मामले में धनशोधन की अपनी जांच के सिलसिले में सोमवार को कोलकाता की एक कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी की 55.65 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की.

कोलकाता स्थित इडी के जोनल कार्यालय ने धनशोधन रोकथाम कानून( पीएमएलए) के तहत अहमदाबाद, कोच्चि, पश्चिम बंगाल, बेंगलुरू और मुंबई में जमीनों और रिहायशी फ्लैटों की कुर्की का आदेश जारी किया. आर पी इंफो सिस्टम्स और इसके निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई के तहत ऐसा किया गया. 66 वाहन और दो लाख रुपये की बैंक जमा राशि भी कुर्क की गयी है. कुल 55.65 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गयी है.

सीबीआइ की ओर से दर्ज की गयी एक प्राथमिकी के आधार पर इस मामले में पीएमएलए के तहत इडी ने केस दर्ज किया था. फरवरी में सीबीआइ ने कंपनी और इसके निदेशकों शिवाजी पांजा, कौस्तुभ राय और विनय बाफना के खिलाफ बैंकों के समूह को 515.15 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में मामला दर्ज किया था.

सीबीआइ ने इस कंपनी के खिलाफ 2015 में भी आइडीबीआइ बैंक को 180 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में मामला दर्ज किया था. साल 2013 तक आइडीबीआइ बैंक बैंकों के समूह में अग्रणी था.

बैंकों के इस समूह में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एवं जयपुर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला( दोनों अब एसबीआइ का हिस्सा हैं), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और फेडरल बैंक सदस्य थे. आरोप है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर्ज लिए गये.

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