संघीय मोर्चा बनाने की कवायद, भाजपा के खिलाफ दिल्ली में ममता बनर्जी की मैराथन बैठक, ये हुए शामिल
नयी दिल्ली/कोलकाता : मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए सियासी मोर्चाबंदी तेज कर दी है. अपने तीन दिवसीय दिल्ली प्रवास के पहले दिन मंगलवार को उन्होंने क्षेत्रीय दलों का एक ‘संघीय मोर्चा’ बनाने की संभावना तलाशने के मकसद से राकांपा प्रमुख शरद […]
नयी दिल्ली/कोलकाता : मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए सियासी मोर्चाबंदी तेज कर दी है. अपने तीन दिवसीय दिल्ली प्रवास के पहले दिन मंगलवार को उन्होंने क्षेत्रीय दलों का एक ‘संघीय मोर्चा’ बनाने की संभावना तलाशने के मकसद से राकांपा प्रमुख शरद पवार सहित तेलुगू देशम पार्टी , सपा, राजद, बीजद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ ही राजग की घटक शिवसेना के नेताओं से मुलाकात की.
ममता ने राकांपा प्रमुख और अन्य पार्टी नेताओं से संसद में उनके कार्यालय में करीब एक घंटे तक बैठक की. राकांपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि बनर्जी ने बिना कांग्रेस के मोर्चा बनाने की वकालत की.
राकंपा नेता ने कहा : ममता ने कहा कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए एक गैर कांग्रेसी संघीय मोर्चा बनाया जाना चाहिए. उन्हें लगता है कि अगर कांग्रेस विपक्षी मोर्चा का हिस्सा बनेगी तो बीजद, तेलुगू देशम पार्टी जैसे कई दल गठबंधन में शामिल नहीं होंगे.
लेकिन उन्होंने राकांपा नेता से अन्य विपक्षी दलों के विचार जानने के लिए उनसे बात करने का अनुरोध भी किया. बाद में एनसीपी नेता प्रफुल पटेल ने बैठक के बारे में संवाददाताओं को बताया कि दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि भाजपा से निपटने के लिए विपक्षी दलों के बीच ‘अधिकतम एकता’ होनी चाहिए. उन्होंने कहा : आने वाले महीनों में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए स्थिति बनेगी. इस बारे में कई तरह के विचार हैं कि किस तरह की पहल की जानी चाहिए. पटेल ने संवाददाताओं को बताया : बहरहाल, नेताओं ने इस बात पर विचार किया कि विपक्षी एकता की संभावना अधिकतम होनी चाहिए क्योंकि उत्तर प्रदेश में हमने यह देखा है जहां बसपा और सपा ने मिलजुलकर काम शुरू किया. महत्वपूर्ण बात यह है कि विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक मतभेद दूर किए जाने चाहिए.
सपा-बसपा से बातचीत के िलए लखनऊ जाने को भी तैयार हैं ममता: तृणमूल सुप्रीमो ने मंगलवार को मैराथन बैठक की. उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं. उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार से लेकर डीएमके की सांसद कोनीमोझी से मुलाकात की. बुधवार को शिवसेना ने कॉन्सटिट्यूशन क्लब में आयोजित कार्यक्रम में ममता बनर्जी को आमंत्रित किया है. वह आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी दिल्ली प्रवास के दौरान मुलाकात कर सकती हैं.
भाजपा नेताओं से भी करेंगी मुलाकात: वह मोदी विरोधी माने जाने वाले भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा व अरुण शौरी से भी बुधवार को मुलाकात करेंगी. सूत्रों के अनुसार सुश्री बनर्जी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला से भी बुधवार की शाम को मुलाकात करेंगी. तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर दिल्ली में राजनीतिक गतिविधियां तेज हैं.
सुश्री बनर्जी ने खुद ही संवाददाता सम्मेलन में स्वीकार किया कि राहुल गांधी उन्हें प्राय: एसएमएस करते हैं. उन्होंने कहा कि वह चाहती थीं कि त्रिपुरा का चुनाव कांग्रेस मिल कर लड़े, लेकिन कांग्रेस ने ध्यान नहीं दिया. यह उसका मामला था. इस बीच कांग्रेस के नेता अश्विनी कुमार ने ममता से मुलाकात की. सोनिया गांधी से मुलाकात के संबंध में सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह सोनिया गांधी के स्वस्थ होने के बाद उनसे मुलाकात करेंगी. सुश्री बनर्जी ने अखिलेश सिंह के सहयोगी व समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव से भी बातचीत कीं. सुश्री बनर्जी ने कहा कि वह मायावती और अखिलेश से बात करने के लिए तैयार हैं. अखिलेश को लखनऊ में बैठक बुलाने दें.
हम लखनऊ में उनसे मिलने के लिए तैयार हैं. सुश्री बनर्जी ने कहा कि जो पार्टी जिस राज्य में मजबूत हैं, उन्हें वहां मिल कर भाजपा से मुकाबला करना चाहिए. हाल में ट्वीट में सुश्री बनर्जी ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी व मायावती के बीच गठबंधन का समर्थन किया था. डीएमके की सांसद कोनीमोझी से मुलाकात के बाद सुश्री बनर्जी ने कहा कि चुनाव में इस बार डीएमके सत्ता में आयेगी. पार्टी को उनका समर्थन है. सुश्री बनर्जी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सांसद व लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती व वरिष्ठ नेता जेपी यादव से भी मुलाकात कीं. बीजू जनता दल के सांसद अनुभव महंती व उनकी पत्नी ने भी सुश्री बनर्जी से मुलाकात की. एनसीपी व राजद नेताओं के साथ मुलाकात के बाद सुश्री बनर्जी ने कहा कि 2019 को लोकसभा चुनाव निश्चित रूप से मजेदार होगा.
सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप: सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि नोटबंदी और बैंक घोटाले जैसे मुद्दों ने जमीनी स्तर पर जनता को प्रभावित किया है और भाजपा के लिए ‘बोरिया बिस्तर बांधकर निकलने का’ वक्त आ गया है. उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दलों को भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए एकसाथ मिलकर मेहनत करनी चाहिए. कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख लीक होेने के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता ने कहा कि सभी संस्थाएं भाजपा की संस्थाएं बन गयी हैं क्योंकि भाजपा कई एजेंसियों का ‘प्रयोग और दुरुपयोग’ कर रही हैं. गौरतलब है कि ममता ने लोस चुनावों में थर्ड फ्रंट बनाने का आह्वान किया है.
इनसे मिलीं ममता : शिवसेना के सांसद संजय राउत, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तेलंगाना राष्ट्र समिति के सांसद के कविथा, राजद सांसद मीसा भारती व जेपी यादव, डीएमके की सांसद कोनीमोझी, नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारुक अब्दुल्ला, सपा सांसद रामगोपाल यादव और कांग्रेस के नेता अश्विनी कुमार.
हम चाहते हैं कि सभी विपक्षी दल एकसाथ मिलकर मेहनत करें. हमें भाजपा से लड़ने के लिए राज्य की सबसे मजबूत विपक्षी पार्टी की मदद करनी चाहिए. यह एक लड़ाई होनी चाहिए.जनता भाजपा के खिलाफ है. मैंने कई राज्यों की यात्रा की. मैं जनता का मूड जानती हूं. नोटबंदी, जीएसटी, बैंक धेाखाधड़ी जैसे मुद्दों ने जमीनी स्तर पर जनता को प्रभावित किया है.
ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल