बाबुल सुप्रियो ने ममता राज को बताया ”जेहादी सरकार”, कहा- रानीगंज आपकी माटी नहीं है दीदी ?
कोलकाता : आसनसोल के सांसद व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने आरोप लगाया कि रामनवमी के मौके पर रानीगंज में हुई घटना राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित है, क्योंकि घटना के बाद जिस तरह की तत्परता पुलिस ने दिखायी. वह पहले दिखाती, तो शायद इस तरह की घटना नहीं होती. जिस तरह दुकानें जलायी गयीं और […]
कोलकाता : आसनसोल के सांसद व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने आरोप लगाया कि रामनवमी के मौके पर रानीगंज में हुई घटना राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित है, क्योंकि घटना के बाद जिस तरह की तत्परता पुलिस ने दिखायी. वह पहले दिखाती, तो शायद इस तरह की घटना नहीं होती. जिस तरह दुकानें जलायी गयीं और लोगों के घर में घुसकर मार काट की गयी, उसे देखकर साफ लग रहा है कि यह सब पूर्व नियोजित था. लिहाजा इस मामले की जानकारी उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री और राज्यपाल को दी है. मंगलवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में बाबुल सुप्रियो ने आरोप लगाया कि जब वह मौके पर पहुंचे उस वक्त पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही. स्थानीय पुलिस उनके साथ नहीं थी. वह पुलिस के आला अधिकारियों को रानीगंज की घटना की जानकारी देने के लिए कई बार फोन किये, लेकिन किसी ने उनका फोन नहीं उठाया.
उन्होंने कहा कि इलाके का सांसद होने के नाते वह खबर पाकर मौके पर गये, तो उस वक्त घायलों को अस्पताल ले जाया गया. दरअसल यह सब उन्हें बदनाम करने की साजिश थी. उन्होंने आरोप लगाया कि इस पूरे मामले के पीछे तृणमूल कांग्रेस का हाथ है. पुलिस को नकारा बनाकर तृणमूल मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति अपना रही है, ताकि उन्हें डरा कर वह 30 फीसदी वोट को अपने कब्जे में ले सके. इसके अलावा हिंदू आबादी का 30 फीसदी भी वोट मिल गया, तो तृणमूल आसानी से चुनाव जीत जायेगी. लोगों का नुक्सान होने के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता और मंत्री मौके पर पहुंच कर लोगों को आश्वस्त कर रहे हैं कि वह उनके नुक्सान की भरपाई कर देंगे.
बाबुल सुप्रियो ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो तत्परता तृणमूल कार्यकर्ता आज दिखा रहे हैं, वह हंगामा के वक्त और उसके पहले क्यों नहीं दिखाये. इस तरह की राजनीति की जितनी भी निंदा किया जाये, वह कम है. हम इस तरह के मामले में नहीं पड़ना चाहते, क्योंकि रामनवमी पश्चिम बंगाल में पहली बार नहीं मनाया जा रहा है. यह परंपरा के तौर पर वर्षों से लोग मनाते आ रहे हैं. आज तृणमूल कांग्रेस को लगा कि इसका राजनीतिक फायदा उठाना चाहिए, तो वह ऐसा करने लगी है. इसका लोग सही वक्त पर जवाब देंगे.
We wil show this Jihadi Sarkar that the the Spirit of Bengal is still alive•There r 100s of pictures circulating on Social Media, it’s impossible 2 verify their authenticity but even if 25% of that is correct, situation is grave•
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) March 27, 2018
सुप्रियो का ट्वीट
सुप्रियो ने इस संबंध में ट्वीट किया और लिखा कि वह जिहादी सरकार को दिखा देंगे कि बंगाल की आत्मा अभी जिंदा है. उन्होंने ये भी कहा कि सोशल मीडिया पर सैकड़ों तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें से अगर 25 फीसदी भी सही निकलीं तो पता चलेगा कि हालात कितने खराब हैं. बाबुल सुप्रियो ने बुधवार को ट्वीट किया और कहा कि जब रानीगंज में हिंसा फैली हुई है. ऐसे वक्त में ममता सरकार शांति से बैठी है और हिंसा होते हुए देख रही है. ममता मां, माटी और मानुष की बात करतीं हैं, क्या हिंसा फैली जगह आपकी माटी नहीं है और यहां के लोग मानुष नहीं हैं.
While Raniganj cuts and bleeds in the grip of chaotic violence, Mamata Government sits quietly and watches all hell breaking loose here. Asking the "Ma, Mati, Manush" government, are these places not your mati and these people not manush? #MamataGoesMissing
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) March 28, 2018
अब भी रानीगंज में तनाव : शायंतन
केंद्रीय बल की तैनाती की मांग
प्रदेश भाजपा के महासचिव शायंतन बसु ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया है कि रानीगंज के कई इलाकों में स्थिति अब भी बेकाबू है. धारा 144 के बावजूद पुलिस की तैनाती के बीच मोटरसाइकिल सवार अपराधियों का गिरोह लोगों के घरों में जाकर उन्हें धमका रहा है. वह इस मामले में आइजी दक्षिण बंगाल से बात किये, लेकिन उनकी बातचीत से लग रहा था कि वह पूरी तरह बेबस हैं. लिहाजा राज्यपाल से मुलाकात कर हमलोगों ने साफ कहा कि वह राज्य के संवैधानिक मुखिया होने के नाते पूरे मामले से केंद्र सरकार को अवगत करायें. केंद्रीय बल के जवानों को बुलायें और उनकी तैनाती करें.
तृणमूल सरकार ने सशस्त्र शोभायात्राओं पर फैलाया भ्रम : आरएसएस
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि वह एक खास समुदाय के तुष्टिकरण की कोशिश कर रही है. आरएसएस ने राज्य सरकार को रामनवमी की शोभायात्राओं को लेकर जानबूझकर ‘भ्रम’ पैदा करने के लिए जिम्मेदार ठहराया और यह भी कहा कि वह हिंसा में शामिल कट्टरपंथियों को बचाने की कोशिश कर रही है. आरएसएस के दक्षिण बंगाल के प्रमुख जिष्णु बसु ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पुलिस को उन कट्टरपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोका, जिन्होंने रामनवमी की शांतिपूर्ण शोभायात्राओं पर हमले किये. सरकार सशस्त्र शोभायात्राओं पर फैसला नहीं कर सकी और कहा था कि वह ऐसे चुनिंदा समूहों को सशस्त्र शोभायात्रा निकालने की इजाजत देगी, जो पिछले कई साल से ऐसी शोभायात्राएं निकालते रहे हैं. उन्होंने कहा : हमने बहुत पहले से कहा था कि यदि सरकार सशस्त्र शोभायात्राओं पर पाबंदी लगाने का फैसला करती है, तो हम कोई सशस्त्र शोभायात्रा नहीं निकालेंगे.
सांप्रदायिकता की राजनीति में रंग रहा बंगाल : अधीर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल अब सांप्रदायिकता की राजनीति में रंग रहा है. श्री चौधरी ने कहा कि ‘दीदी’ घटनाओं को दबा रही है. यह दुश्चिंता का कारण है. तृणमूल भी राम-राम कर रही है. तृणमूल व भाजपा में फर्क करना मुश्किल हो रहा है. बंगाल में राम किसक रहेंगे, उसकी प्रतियोगिता चल रही है. एक खूनी संघर्ष चल रहा है. इसके शिकार बंगाल के आमलोग हो रहे हैं. निर्दोष मारे जा रहे हैं. हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करने की जरूरत है. उन्हें दंडित करने की आवश्यकता है. श्री चौधरी ने कहा कि रामनवमी को केंद्र कर राज्य में जो अशांति का माहौल तैयार हुआ, उसके लिए मुख्यमंत्री भी जिम्मेदार हैं.