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विपक्ष को एकजुट करने के लिए सोनिया गांधी से मिलीं ममता, भाजपा को हराने के लिए रणनीतियों पर हुई चर्चा

नयी दिल्ली : विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. उन्होंने भाजपा के खिलाफ संयुक्त विपक्षी मोर्चे में कांग्रेस के शामिल होने पर जोर दिया. तृणमूल कांग्रेस की नेता ने राष्ट्रीय राजधानी की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान […]

नयी दिल्ली : विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. उन्होंने भाजपा के खिलाफ संयुक्त विपक्षी मोर्चे में कांग्रेस के शामिल होने पर जोर दिया.
तृणमूल कांग्रेस की नेता ने राष्ट्रीय राजधानी की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान अन्य विपक्षी नेताओं से भी मुलाकात की. सोनिया से मुलाकात के बाद ममता ने कहा कि दोनों नेताओं ने वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य तथा विधाानसभा एवं लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए रणनीतियों पर चर्चा की.
ममता ने सोनिया से 10, जनपथ स्थित उनके आवास पर करीब20 मिनट की मुलाकात की. उन्होंने बताया : मैंने सोनिया जी से कहा कि हम चाहते हैं कि कांग्रेस संयुक्त विपक्ष का हिस्सा बने. उन्होंने (ममता) इस बात पर जोर दिया कि राज्यों में भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्ष को एकजुट होना होगा.
ममता ने कहा : मैंने उनसे कहा कि देश चाहता है कि भाजपा के साथ मुकाबला राज्यानुसार और आमने-सामने का हो. जो पार्टी जिस राज्य में मजबूत है, उसे वहां भाजपा के खिलाफ लड़ना चाहिए.
उन्होंने कहा : हम चाहते हैं कि कर्नाटक में कांग्रेस जीते क्योंकि कर्नाटक मे कांग्रेस मजबूत है. ममता ने बताया कि उन्होंने सोनिया से, क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं साथ चल रही बातचीत पर भी चर्चा की. हम साथ काम करने की कोशिश कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि कांग्रेस भी इसका, संयुक्त विपक्ष का हिस्सा हो.
गौरतलब है कि ममता ने मंगलवार को राकांपा प्रमुख शरद पवार और राजग की सहयोगी शिवसेना सहित कुछ क्षेत्रीय दलों के नेताओं से भी मुलाकात की थी. इस मुलाकात का उद्देश्य अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए एक ‘संघीय मोर्चा’ बनाने की संभावनाएं टटोलना था.
बुधवार को ममता ने भाजपा के असंतुष्ट नेता यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा से भी मुलाकात की. दोनों नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के खिलाफ सभी क्षेत्रीय ताकतों को एकजुट करने के प्रयास करने के लिए ममता की प्रशंसा की. ममता ने बुधवार को ही अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे अरुण शौरी से भी मुलाकात की. ममता से मुलाकात के बाद मोदी सरकार के आलोचक शौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबले करने के लिए ममता ने सही राह पकड़ी है.
उनकी योजना हर राज्य में भाजपा के हर प्रत्याशी के खिलाफ एक प्रत्याशी खड़ा करने की है. हालांकि यशवंत सिन्हा ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह या शत्रुघ्न भाजपा के खिलाफ खड़ी की जा रही ताकत के साथ आयेंगे या नहीं. उन्होंने कहा: ममता हमारी पुरानी काबीना सहयोगी हैं. उनके व्यक्तित्व से सभी परिचित हैं.
देश को बचाने के लिए उन्होंने जो जिम्मेदारी उठायी है वह प्रशंसनीय है. भविष्य में भी हम उनका समर्थन करेंगे. तृणमूल सुप्रीमो ने सपा नेता अखिलेश यादव से फोन पर बात भी की. उनसे ममता ने राज्य में आमने सामने के मुकाबले के बारे में बात की. ममता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की.
केंद्र के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए ममता ने मायावती का शुक्रिया अदा किया
ममता ने बसपा प्रमुख मायावती को उस टिप्पणी के लिए शुक्रिया अदा किया जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार पर राजग शासित बिहार तथा तृणमूल शासित पश्चिम बंगाल में दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है और कहा है कि उत्तर प्रदेश के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यवस्था की पोल खोल दी है.
ममता ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हो कर काम कर रहीं हैं इससे भाजपा भयभीत है. उन्होंने कहा, ‘ बंगाल के संबंध में टिप्पणी के लिए मायावती जी आपका शुक्रिया.’ ममता ने ट्वीट किया, ‘आपने भाजपा सरकार की पोल खोल दी है. भाजपा सरकार डरी हुई है क्योंकि हम मिल कर काम कर रहे हैं.’

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