कोलकाता : राजस्व उगाही में बनाया रिकार्ड
योजनागत खर्च में 16.3 प्रतिशत व पूंजी खर्च में 59% की वृद्धि जीएसटी की काली छाया से मुक्त होकर राज्य सरकार ने राजस्व उगाही में नया कीर्तिमान हासिल किया : मंत्री कोलकाता : वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) की काली छाया से मुक्त होकर पश्चिम बंगाल सरकार ने राजस्व उगाही में नया कीर्तिमान हासिल किया […]
योजनागत खर्च में 16.3 प्रतिशत व पूंजी खर्च में 59% की वृद्धि
जीएसटी की काली छाया से मुक्त होकर राज्य सरकार ने राजस्व उगाही में नया कीर्तिमान हासिल किया : मंत्री
कोलकाता : वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) की काली छाया से मुक्त होकर पश्चिम बंगाल सरकार ने राजस्व उगाही में नया कीर्तिमान हासिल किया है.
सोमवार को राज्य के वित्त मंत्री डॉ अमित मित्रा ने राज्य सचिवालय में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2017-18 के वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने कर के रूप में 52,971 करोड़ रुपये वसूले हैं, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 7300 करोड़ रुपये अधिक हैं. वर्ष 2016-17 में पश्चिम बंगाल सरकार ने 45,647 करोड़ रुपये कर के रूप में वसूले थे.
डॉ मित्रा ने कहा कि उन्हें आशंका थी कि जीएसटी का प्रभाव राज्य के राजस्व पर पड़ेगा, इसलिए राज्य सरकार ने कई व्यवस्थाएं की थी, जिससे इसका कम से कम प्रभाव पड़े. राज्य सरकार के प्रयास सफल रहे और सिर्फ कर अदायगी ही नहीं, पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार के योजना गत खर्च व पूंजी खर्च में भी काफी वृद्धि हुई है.
पिछले वर्ष राज्य सरकार ने योजना गत खर्च के रूप में 49,609 करोड़ रुपये खर्च किये थे, जोकि इस वर्ष बढ़ कर 57,778.60 करोड़ रुपये हो गया है. वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने योजना गत खर्च में 11 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा था, लेकिन राज्य सरकार ने इस लक्ष्य को भी पार कर लिया है और पिछले वर्ष की तुलना में 16.5 प्रतिशत अधिक राशि खर्च की है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2010-11 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार जब सत्ता में आयी थी तो उस समय राज्य का योजना गत खर्च सिर्फ 11,837.85 करोड़ रुपये था, जो अब लगभग पांच गुना बढ़ चुका है.
पूजीगत खर्च 19,084.70 करोड़ रुपये हुआ
वित्त मंत्री अमित मित्रा ने पूंजी गत खर्च के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पूंजीगत खर्च की राशि में भी 59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है.
पिछले वर्ष के 12,028.50 करोड़ रुपये की तुलना में राज्य सरकार ने इस वर्ष 19,084.70 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 2010-11 में राज्य की पूंजी गत खर्च मात्र 2225.75 करोड़ रुपये थी, जो अब लगभग 8.5 गुना बढ़ कर 19,084.70 करोड़ रुपये हो गया है.