कोलकाता :ममता हारेंगी, गणतंत्र जीतेगा : मुकुल

तृणमूल पार्टी की कोई आदर्श नीति नहीं कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हारेगी और गणतंत्र जीतेगा. तृणमूल पार्टी की कोई आर्दश नीति नहीं है. यह पार्टी समस्त व्यवस्था को उलट-पलट करने के लिए कुछ दिनों के लिए आयी है. वाममोर्चा ने भी गणतंत्र को दबाकर रखने की कोशिश की थी लेकिन नहीं कर पायी. ममता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2018 5:39 AM
तृणमूल पार्टी की कोई आदर्श नीति नहीं
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हारेगी और गणतंत्र जीतेगा. तृणमूल पार्टी की कोई आर्दश नीति नहीं है. यह पार्टी समस्त व्यवस्था को उलट-पलट करने के लिए कुछ दिनों के लिए आयी है.
वाममोर्चा ने भी गणतंत्र को दबाकर रखने की कोशिश की थी लेकिन नहीं कर पायी. ममता भी नहीं कर पायेगी. अंत में जनता की ही जीत होगी. ममता हारेंगी और गणतंत्र की जीत होगी. सभी पार्टियों की नीति आदर्श है लेकिन तृणमूल से पूछिये उनकी कोई आदर्श नीति है.
यह कहना है भाजपा नेता मुकुल राय का. सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सोमवार से पंचायत निर्वाचन को लेकर नामांकन पत्र जमा देने की प्रक्रिया शुरू हुई है लेकिन विभिन्न जगहों पर भाजपा कर्मियों को बाधाएं दी जा रही हैं. उन लोगों को मारा-पीटा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे बंगाल में तृणमूल कांग्रेस हिंसा फैला रही है.
रामपुरहाट, कलियागंज, खेजुरी, हल्दीबाड़ी, आउसग्राम, बर्दवान, संदेशखाली सहित विभिन्न जगहों पर भाजपा प्रत्याशियों को नामांकन नहीं जमा करने दिया जा रहा है. उन पर हमले किये जा रहे है. उन्होंने कहा कि देश में कही भी निर्वाचन में किसी तरह के हिंसा के आरोप नहीं आते है लेकिन यहां प्रथम दिनों से ही हिंसा फैलाने के काम शुरू कर दिये गये हैं.
कोलकाता : बीजपुर के कांग्रेस नेता मृणाल कांति सिंहराय की मौत की घटना में मुकुल राय को अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. मुकुल के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जा सकता. कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने पूर्व के अपने फैसले को 23 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है.
मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी. वकीलों की हड़ताल की वजह से मुकुल राय ने अपने इस मामले में खुद ही अदालत में जिरह की. गौरतलब है कि वर्ष 2011 के आठ जून को हालिशहर से कांचरापाड़ा लौटते वक्त भूतबागान के पास बाइक हादसे में कांग्रेस नेता मृणाल कांति सिंह राय जख्मी हो गये थे. उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
वहां से उन्हें पियरलेस अस्पताल भेजा गया. कुछ समय बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गयी, लेकिन फिर अगले महीने मस्तिष्क की कुछ समस्या के कारण फिर से पियरलेस में भर्ती होना पड़ा. मृणालकांति की वर्ष 2016 में मौत हो गयी, लेकिन उनके घरवालों ने आरोप लगाया कि षडयंत्र के तहत उनकी हत्या की गयी है, जिसका आरोप मुकुल राय पर लगाया गया था.

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