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बंगाल : महिला तस्करी का गढ़ बना बागडोगरा एयरपोर्ट, हर दिन 60 से 70 युवतियों की हो रही तस्करी

ट्रेन में खतरे के कारण तस्करों ने विमान को अपनाया नेपाल के झापा की 20 युवतियों से की गयी पूछताछ सीआईएसएफ के अधिकारों की कमी से परेशानी बागडोगरा : सिलीगुड़ी के निकट बागडोगरा एयरपोर्ट इन दिनों महिला तस्करों का स्वर्ग साबित हो रहा है. एक अनुमान के मुताबिक इस एयरपोर्ट से हर दिन ही 60 […]

ट्रेन में खतरे के कारण तस्करों ने विमान को अपनाया
नेपाल के झापा की 20 युवतियों से की गयी पूछताछ
सीआईएसएफ के अधिकारों की कमी से परेशानी
बागडोगरा : सिलीगुड़ी के निकट बागडोगरा एयरपोर्ट इन दिनों महिला तस्करों का स्वर्ग साबित हो रहा है. एक अनुमान के मुताबिक इस एयरपोर्ट से हर दिन ही 60 से 70 युवतियों की तस्करी की जा रही है. यह अपने आप में काफी आश्चर्यजनक घटना है.
मिली जानकारी के अनुसार बागडोगरा एयरपोर्ट से दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई आदि के लिए सीधी फ्लाइट सेवा है. इसी का फायदा महिला तस्कर उठा रहे हैं. खासकर इस एयरपोर्ट से काफी संख्या में लड़कियां दिल्ली भेजी जा रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र के साथ ही डुवार्स के विभिन्न इलाकों एवं पड़ोसी देश नेपाल में सक्रिय महिला तस्कर युवतियों को अपने जाल में फंसाकर दिल्ली, मुंबई आदि शहरों के साथ ही खाड़ी देशों में तस्करी कर देते हैं.
आमतौर पर पहले महिला तस्कर लड़कियों को दिल्ली आदि बड़े शहरों ले जाने के लिए ट्रेन का उपयोग करते थे.इसमें काफी खतरा देखकर तस्करों ने अपनी रणनीति बदल दी है. ट्रेन में काफी अधिक जांच-पड़ताल के कारण तस्करों ने अपनी रणनीति बदल दी है और विमान यात्रा को सुरक्षित मान लिया है. यहलोग बागडोगरा एयरपोर्ट से विमान द्वारा लड़कियों को दिल्ली ले जाते हैं और वहां से दूसरे स्थानों पर लड़कियों को भेज दिया जाता है.
बागडोगरा एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ की है.सीआईएसएफ जवानों का मुख्य ध्यान सुरक्षा को लेकर ही होता है. खासकर किस लड़कियों की तस्करी की जाती है इसका पता सीआईएसएफ जवानों को नहीं लग पाता. क्योंकि सीआईएसएफ के पास अधिकार भी सीमित हैं.
जवान परिचय पत्र और टिकट देखकर किसी भी विमान यात्री को अंदर जाने देते हैं. टिकट और परिचय पत्र देखना भर ही इनका काम है. यदि सिक्योरिटी जांच या फिर बैगेज स्कैनर में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है तब सीआईएसएफ के जवान उनको रोक लेते हैं और आगे की जांच पड़ताल की जाती है. इस बीच बुधवार को 20 युवतियों को तस्करी होने से बचाने की कोशिश की गयी. 20 युवतियां विमान से दिल्ली जाने वाली थी.
इन युवतियों के साथ दो तस्कर भी शामिल थे. सीआईएसएफ जवानों को इन पर संदेह हुआ. सभी 20 युवतियों से पूछताछ शुरू की गई. दोनों तस्करों को भी हिरासत में लिया गया.
इन युवतियों को नेपाल को झापा जिले से दिल्ली जाने के लिए बागडोगरा एयरपोर्ट पर लाया गया था. पूछताछ के बाद सभी ने बताया कि उनके देश में काम धंधे की कमी है .रोजगार पाने के लिए ही वह लोग दिल्ली जा रही हैं.
इसकी सूचना एक स्वयंसेवी संगठन कंचनजंघा उद्धार केंद्र को दी गयी. हालांकि इस बीच सीआईएसएफ को यह प्रमाणित करने में दिक्कत हो रही थी कि इन तमाम युवतियों को तस्करी के लिए ले जाया जा रहा है. युवतियों ने भी कहा कि उनकी तस्करी नहीं की जा रही है .वह सभी काम की तलाश में दिल्ली जा रही हैं.
इनको समझाने बुझाने की काफी कोशिश की गई. तब तक विमान का समय हो गया था और सभी युवतियां विमान से दिल्ली रवाना हो गई. इस बीच दोनों तस्कर भी सीआईएसएफ की निगाहों से खिसक कर निकल ग.ए हालांकि इनकी पहचान कर ली गई है.इनमें से एक का नाम अजय गुरुंग तथा दूसरे का नाम राजेंद्र कुमार श्रेष्ठ है. इसमें से अजय नेपाल के सुनसरी जिले का रहने वाला है. जबकि राजेंद्र शर्मा काठमांडु का रहने वाला है.
सीआईएसएफ के डिप्टी कमांडेंट एनपीएस मूंज ने बताया कि इस एयरपोर्ट से हर दिन ही करीब 60 से 70 युवतियों की संभवत: तस्करी होती है. हमारे पास अधिकारों की कमी है. हम इनको समझा-बुझाकर ही रोक सकते हैं. इनको दिल्ली या किसी अन्य स्थान पर विमान से जाने के लिए नहीं रोका जा सकता. जब भी कभी किसी की तस्करी का संदेह होता है तो इसकी सूचना बागडोगरा थाने को भी दी जाती है. आज इस बात की सूचना बागडोगरा थाने को भी दी गई है.

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