कोलकाता : दिलीप घोष के विवादित बयान से चढ़ा राजनीति पारा

कोलकाता : भाजपा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के दिये गये विवादास्पद बयान से राज्य का राजनीतिक पारा चढ़ गया है. दिलीप ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जरूरत पड़ने पर पुलिस की पिटाई करने का फरमान सुनाया है. दिलीप के बयान पर पार्थ चटर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2018 6:17 AM
कोलकाता : भाजपा के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के दिये गये विवादास्पद बयान से राज्य का राजनीतिक पारा चढ़ गया है.
दिलीप ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जरूरत पड़ने पर पुलिस की पिटाई करने का फरमान सुनाया है. दिलीप के बयान पर पार्थ चटर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने दिलीप पर उन्माद फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करने का एलान किया है.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश पार्टी मुख्यालय के सामने दिलीप घोष ने अपनी पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के बाद पार्टी का झंडा फहराया. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य की हालत खराब है. लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार हनन करने के लिए गुंडे मैदान में हैं. जब इनको जबाव मिलने लगा तो अब पुलिस सामने आकर उनकी जगह ले रही है.
खुद हथियार लेकर विभिन्न पार्टियों के दफ्तर की जांच करने का नाम करके वह हथियार लेकर वहां जा रही है और उसकी बरामदगी दिखा रही है. इतने से भी वह शांत नहीं हो रही है, बल्कि लोगों को मार रही है.
झूठे मुकदमे में फंसा रही है. ऐसे में इस तरह के भ्रष्ट पुलिसवालों का लोग सम्मान करने से रहे. उनका इलाज किया जायेगा. उनके लिए जरूरी दवाई दी जायेगी. तृणमूल कांग्रेस के गुंडे और पुलिस हमलोगों को मारेंगे और हम लोग केवल मार खाते रहेंगे यह संभव नहीं है. लिहाजा मार का जबाव मार से ही दिया जाता है.
दिलीप घोष के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि वे उनके बयान को गंभीरता से ले रहे हैं और इसकी सही जगह पर शिकायत भी करेंगी, क्योंकि अभी चुनावी आचार संहिता लागू है. ऐसे में इस तरह के बयानों से उत्तेजना फैलना स्वाभाविक है. वह उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. लिहाजा उनको पागलखाना ही भेजा जाना चाहिए.
पार्थ ने कहा : ये पुलिस को पीटने की बात कहकर लोगों के बीच आक्रोश फैलाने का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे लोगों के बारे में मेरा इतना ही कहना है कि खाली मटका ज्यादा आवाज करता है.
वही हाल इनका है. इनके पास कोई आधार नहीं है इसलिए ये लोग ना तो बंगाल में मंत्री बन पायेंगे और ना ही विधायक, क्योंकि ममता जनता के साथ है.
गौर करने की बात यह है कि यही लोग एक तरफ मार दंगा करने की बात कहते हैं और फिर यही लोग सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के पास गुहार लगाते हैं कि पश्चिम बंगाल में कानून का राज नहीं है, ताकि केंद्रीय बल यहां आ सके. इसके लिए वह लोग इस तरह की आशांति का माहौल पैदा कर रहे हैं, जिससे केंद्रीय बल आये और उसकी आड़ में इनके कैडर अपना खेल खेल सकें.
उन्होंने कहा कि दिलीप घोष के बयान को हमलोगों ने गंभीरता से लिया है और उसकी शिकायत सही जगह पर भेजेंगे. चुनाव आयोग के पास इस तरह की बात की शिकायत की जायेगी.

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