कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में एक बार फिर नया मोड़ सामने आ गया है. राज्य चुनाव आयोग ने सोमवार की रात को नामांकन भरने की तिथि को एक दिन के लिए बढ़ाया था, लेकिन आदेश पारित होने के 12 घंटे के अंदर आयोग ने अपने फैसले को वापस ले लिया. इसके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसपर बुधवार को सुनवाई होगी.
गौरतलब है कि राज्य चुनाव आयुक्त अमरेंद्र कुमार सिंह ने सोमवार को पंचायत चुनाव के लिए नामांकन भरने की तिथि को मंगलवार तक बढ़ाया था और मंगलवार को सुबह 11 बजे से अपराह्न तीन बजे तक नामांकन भरा जाना था. लेकिन राज्य चुनाव आयोग द्वारा नामांकन की तारीख बढ़ाने की विज्ञप्ति जारी किये जाने के बाद राज्य के सत्तारूढ़ पार्टी के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी के नेतृत्व में चार नेताओं ने उनसे मुलाकात की, इसके बाद ही राज्य चुनाव आयोग ने अपना फैसला वापस ले लिया.
इसके बाद राज्य चुनाव आयुक्त अमरेंद्र कुमार सिंह ने मंगलवार को एक बार फिर से विज्ञप्ति जारी कर कहा कि नामांकन भरने की तिथि के विस्तार के फैसले को वापस ले लिया गया है, अब पंचायत चुनाव के लिए कोई नामांकन दाखिल नहीं किया जायेगा. उन्होंने अपने फैसले को वापस लेने के पीछे कानूनी जटिलताओं का हवाला दिया है. राज्य चुनाव आयोग के इस फैसले का विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस नेताओं ने राज्य चुनाव आयुक्त को धमकाया है, जिसके डर से उन्होंने अपना फैसला वापस लिया है. वहीं, माकपा के विधायक सुजन चक्रवर्ती ने भी इस फैसले का विरोध किया है और कहा कि तृणमूल कांग्रेस यहां लोकतंत्र की हत्या कर रही है. इस प्रकार की घटना आज तक कहीं देखी नहीं गयी. यह तृणमूल कांग्रेस की हताशा का परिणाम है.