Loading election data...

पंचायत चुनाव : प बंगाल EC ने पर्चा दाखिल करने की अवधि बढ़ाने की अधिसूचना वापस ली, सुप्रीम कोर्ट नाराज

नयी दिल्ली/कोलकाता : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों को लेकर भाजपा और दूसरे दलों की शिकायतों पर विचार करने के उसके निर्देश का सम्मान नहीं करने और पर्चा दाखिल करने की अवधि बढ़ाकर वापस लेने के राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले पर आज अप्रसन्नता व्यक्त की. शीर्ष अदालत ने भाजपा की प्रदेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2018 9:37 PM

नयी दिल्ली/कोलकाता : उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों को लेकर भाजपा और दूसरे दलों की शिकायतों पर विचार करने के उसके निर्देश का सम्मान नहीं करने और पर्चा दाखिल करने की अवधि बढ़ाकर वापस लेने के राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले पर आज अप्रसन्नता व्यक्त की.

शीर्ष अदालत ने भाजपा की प्रदेश इकाई से कहा कि वह अपनी शिकायत लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय जायें और गुरुवारको वहां इन्हें उठायें. पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग ने नामांकन पत्र दाखिल करने की अवधि एक दिन बढ़ाने के 12 घंटे से भी कम समय के भीतर कानूनी व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए अपनी अधिसूचना वापस ले ली थी. न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल और न्यायमूर्ति एएम सप्रे की पीठ जब अपना आदेश लिखा रही थी तो राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि यह भी दर्ज कर लिया जाये कि उच्च न्यायालय इससे कोई निष्कर्ष नहीं निकाले. इस पर पीठ ने कहा, ‘हम अपने आदेश में ऐसा क्यों लिखें? यह अब कलकत्ता उच्च न्यायालय को इस मामले में देखना है.’ दवे ने जवाब दिया, ‘आपके आदेश का महत्व होता है और इसलिए न्यायालय यह दर्ज कर सकता है कि इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए.’ इस पर पीठ ने व्यंगात्मक लहजे में कहा, ‘यदि हमारे आदेश का इतना महत्व होता तो राज्य निर्वाचन आयोग ने अंतिम तिथि बढ़ाने के बाद अपना आदेश वापस नहीं लिया होता.’

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि गुरुवारको कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आदेश जारी कर समय सीमा में विस्तार को वापस लिये जाने के राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश पर रोक लगा दिया था. पीठ ने कहा, ‘चूंकि यह मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय में लंबित है, पक्षकारों को उच्च न्यायालय में वे सभी मुद्दे उठाने की छूट दी जाती है तो उन्हें उपलब्ध है.’ पीठ ने उच्च न्यायालय से कहा कि इस प्रकरण पर कानून के अनुसार यथाशीघ्र फैसला किया जाये. सुनवाई के दौरान राज्य भाजपा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने दावा किया कि नामांकन पत्र दाखिल करने की अवधि बढ़ाने संबंधी राज्य निर्वाचन आयोग पर अपना मंगलवार का आदेश वापस लेने के लिए दबाव डाला गया. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा अपना आदेश वापस लिये जाने से पहले ही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने पंचायत चुनावों में 150 सीटें निर्विरोध जीतने की घोषणा कर दी थी.

पुलिस राज्य निर्वाचन आयुक्त के घर भेजी गयी और उन्हें अपना मोबाइल फोन चालू करने के लिए बाध्य किया गया. पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र शरण ने कहा कि भाजपा और एक अन्य याचिकाकर्ता मंगलवारको उच्च न्यायालय पहुंचे थे और इसके बाद आदेश पारित किया गया है. उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत को इस अर्जी पर विचार नहीं करना चाहिए क्योंकि उच्च न्यायालय आदेश दे चुका है. राज्य में एक, तीन और पांच मई को पंचायत चुनाव होने हैं.

Next Article

Exit mobile version