कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मई महीने में होनेवाले पंचायत चुनाव प्रक्रिया के संबंध में आज हाइकोर्ट ने एक अहम फैसला दिया. गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर 16 अप्रैल तक अंतरिम रोक लगा दी. मामले की सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से जानना चाहा कि नौ अप्रैल को नामांकन जमा करने की समयसीमा खत्म होने के बाद कितने लोगों ने नामांकन भरने की इच्छा जाहिर की थी. आयोग ने नामांकन भरने की समय सीमा को बढ़ा कर 10 अप्रैल किया था, फिर उसे क्यों वापस लिया गया. आयोग ने किस आधार पर नामांकन जमा करने की समयसीमा बढ़ाई थी और फिर क्यों अपने ही इस फैसले को वापस ले लिया.
हाइकोर्ट द्वारा पूछे गये इस प्रश्न का आयोग के पास कोई जवाब नहीं था. आयोग ने हाइकोर्ट को बताया कि इस संबंध में फिलहाल उन लोगों के पास कोई आंकड़ा नहीं है. इसके बाद हाइकोर्ट ने आयोग को 16 अप्रैल तक मामले की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया और तब तक पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया. गौरतलब है कि अभी पंचायत चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया जारी है, हाइकोर्ट के आदेश के बाद नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया पर भी रोक लग गयी है. वहीं, मामले के सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने भाजपा पर भी तथ्य छुपाने के आरोप में पांच लाख रुपये का जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया.