कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को इन आरोपों पर ध्यान दिया कि उम्मीदवारों को नामांकन केंद्रों तक पहुंचने से रोका जा रहा है और राज्य चुनाव आयोग को एक ग्राम पंचायत में 11 उम्मीदवारों के नामांकन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये.
अदालत ने कहा कि अगर आदेश को अमली जामा नहीं पहुंचाया गया तो यह अदालत की अवमानना होगी. न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार ने आयोग को एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिये. उन्हीं के आदेश पर आयोग ने नामांकन प्रक्रिया एक दिन बढ़ायी थी. यह निर्देश शर्मिष्ठा चौधरी की याचिका पर जारी किये गये. चौधरी दक्षिण चौबीस परगणा की पोलेरहाट 2 ग्राम पंचायत के 11 उम्मीदवारों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. उनका आरोप था कि अदालत से नामांकन की तारीख एक दिन बढ़ाये जाने के बावजूद सशस्त्र शरारती तत्व उम्मीदवारों को बीडीओ कार्यालय तक पहुंचने नहीं दे रहे हैं. चौधरी ने कहा कि कोई विपक्षी उम्मीदवार अपना पर्चा दाखिल नहीं कर सका है.
न्यायमूर्ति तालुकदार के मौखिक निर्देश पर आयोग के सचिव ने फोन पर बीडीओ से सूचना ली और अदालत को बताया कि भंगार क्षेत्र की पोलेरहाट 2 ग्राम पंचायत की 16 सीटों में से हर एक के लिए केवल एक उम्मीदवार ने अपना पर्चा दाखिल किया है. इस पर अदालत ने कहा कि यह तथ्य कि 16 सीटों में से हर एक के लिए सिर्फ एक नामांकन किया गया है, याचिकाकर्ता के आरोपों को मजबूत करता है. इसके बाद न्यायमूर्ति तालुकदार ने आयोग का प्रतिनिधित्व कर रहे उसके सचिव निलंजन शांडिल्य को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि 11 उम्मीदवारों को अपना पर्चा दाखिल करने का योग्य बनाया जाये.
कांग्रेस और पीडीएस ने अलग अलग याचिकाएं दायर की हैं कि आयोग ने पूरी चुनावी प्रक्रिया की घोषणा नहीं कर पश्चिम बंगाल पंचायत अधिनियम 2003 का उल्लंघन किया है. इस पर अदालत ने उन्हें अपनी याचिकाएं दायर करने और आयोग एवं राज्य सरकार को नोटिस देने के निर्देश दिये. अदालत ने दोनों राजनीतिक दलों को मंगलवारकी सुबह में अपनी याचिकाएं उसके समक्ष उल्लेखित करने के भी निर्देश दिये.