कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस भाजपा के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का बना रही है मन
कोलकाता : पंचायत चुनाव को लेकर एक तरफ राज्य सरकार और चुनाव आयोग अदालती मामलों में उलझे हुए हैं, तो दूसरी और भाजपा के घोषणा पत्र में तृणमूल कांग्रेस हिंसा की आशंका जाहिर करते हुए भाजपा के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का मन बना रही है. हालांकि भाजपा का कहना है कि जो तस्वीर प्रकाशित […]
कोलकाता : पंचायत चुनाव को लेकर एक तरफ राज्य सरकार और चुनाव आयोग अदालती मामलों में उलझे हुए हैं, तो दूसरी और भाजपा के घोषणा पत्र में तृणमूल कांग्रेस हिंसा की आशंका जाहिर करते हुए भाजपा के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का मन बना रही है.
हालांकि भाजपा का कहना है कि जो तस्वीर प्रकाशित किया गया है, वह राज्य की मौजूदा हालात को दर्शाता है. इसमें कहीं कोई गलती नहीं हुई है.उल्लेखनीय है कि प्रदेश भाजपा ने पंचायत चुनाव में लोगों को किस तरह की सेवा देंगे, इसे लेकर अपना चुनावी घोषणा पत्र मंगलवार को जारी किया था. लेकिन विरोधियों का आरोप है कि इसमें बड़ी चूक हुई है.
इसके कारण भाजपा को बड़ी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है. घोषणा पत्र में हिंसा की जिन तस्वीरों को बंगाल से जुड़ा बताया गया है, वो दरअसल बांग्लादेश की हैं.
घोषणा पत्र के कवर के पिछले हिस्से पर जिन तस्वीरों को कोलाज के तौर पर प्रकाशित किया गया है. वह तस्वीरें बांग्लादेश में 2013 में युद्ध अपराधों से जुड़े मुकदमों के बाद भड़की हिंसा के दौरान की बतायी जा रही हैं.
आरोप है कि भाजपा ने ऐसी तस्वीरों का इस्तेमाल अपने प्रोपेगेंडा के हिस्से के तौर पर किया है, क्योंकि उसका आरोप है कि अक्सर ममता बनर्जी के राज में हिंदुओं के दमन का आरोप लगाती रहती हैं. तस्वीर में प्रदर्शनकारियों को मुस्लिम टोपी पहने और हाथ में लाठियां लिए देखा जा सकता है. पृष्ठभूमि में कुछ वाहन जलते हुए भी नजर आ रहे हैं.
कुछ अन्य तस्वीरों में हिंदू देवी-देवताओं की क्षतिग्रस्त मूर्तियों को भी देखा जा सकता है. गौरतलब है कि बांग्लादेश के नसीरनगर में अक्तूबर 2016 में ऐसी ही घटना हुई थी. ये तस्वीर संभवत: उसी दौरान की हैं. राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि भाजपा के इस कदम से यह साबित होता है कि वह राज्य की शांति को प्रभावित करके दंगा की राजनीति करना चाहती है.
लिहाजा इसके खिलाफ पार्टी एफआइआर करने का मन बना रही है, क्योंकि भाजपा की करतूतों के कारण रानीगंज और आसनसोल में हिंसा हो चुकी है. जिसे समय रहते ही प्रशासन ने काबू पा लिया है. लेकिन उनका प्रयास लगातार जारी है. इसलिए अब सख्ती से इसका मुकाबला करने की जरूरत है.
विधानसभा में माकपा के विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती का इस मामले में कहना है कि भाजपा इससे इससे ज्यादा उम्मीद आप कर भी नहीं सकते हैं. इन लोगों का इतिहास रहा है, इस तरह का काम करने का. इसके खिलाफ एक तरफ जहां भाजपा विरोधी दल लोगों को सचेत करना चाहते हैं, वहीं प्रशासन से सख्त कार्रवाई करने की भी मांग कर रहे हैं.
अपने स्वार्थ के लिए गलत तस्वीरों को जारी करने से बाज नहीं आ रही भाजपा : पार्थ
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में छपी तस्वीर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह काफी शर्मनाक है कि भाजपा अपने निहित स्वार्थ के लिए गलत तस्वीरों का इस्तेमाल करने से भी परहेज नहीं कर रही है. इससे बड़ी लज्जा की बात किसी राजनीति दल के लिए नहीं हो सकती कि उसे बार-बार झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है.
एक तरफ तो वह खुद गलत तस्वीर पेश कर रहे हैं, तो दूसरी ओर सोशल मीडिया पर झूठे और फर्जी वीडियो भी डाल रहे हैं. इससे पहले, भाजपा एक भोजपुरी सिनेमा का वीडियों लेकर झूठा प्रचार की थी. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में वह उत्तर 24 परगना की एक झूठी घटना को लेकर राजनीति करने के बाद अब सीधे झूठ के सहारे पंचायत चुनाव को पार करना चाहती है.
इस तरह का काम समाज को गुमराह करने व अलगाव की राजनीति है. इस तरह के झूठे प्रचार के माध्यम से कानून व्यवस्था को चुनौती देने का काम कर रही है. यह सब आपराधिक मामलों की श्रेणी में आते हैं. राज्य चुनाव आयोग अभी तक इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया है. तृणमूल बार-बार पत्र देकर इस तरह की घटना के प्रति आयोग का ध्यान दिला रही है. लेकिन अभी तक कुछ नहीं है. इस तरह की घटना हमलोगों को चिंतित कर रही है क्योंकि एक राजनीतिक दल का झंडा लेकर बंगाल की छवि को खराब किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि कुछ लोग कोर्ट के सामने बैठे रहते हैं, जो मौका तलाशते रहते हैं कि किस तरह तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ अदालत में चले जाते हैं. हम चाहते हैं कि इस तरह की घटना पर रोक लगे, ताकि राज्य चुनाव आयोग आसानी से पंचायत चुनाव करा सके. फिलहाल झूठा प्रचार करने के खिलाफ वे एफआइआर के बारे में सोच रहे हैं. पार्थ ने पत्रकारों पर हुए हमले के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह की घटना की जितनी भी निंदा किया जाये कम है, क्योंकि इस तरह की घटना लोकतंत्र में सहन नहीं की जा सकती है.