कोलकाता : घोषणा पत्र में बांग्लादेश में हुई हिंसा की तस्वीर को लेकर विरोधी दल जहां एक तरफ भाजपा पर निशाना साध रहे हैं, तो वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने साफ कहा है कि जो तस्वीर छापी गयी है. वह विभिन्न वेबसाइटों से ली गयी हैं. इन तस्वीरों में जो कुछ भी दर्शाया गया है, वह बंगाल की जमीनी हकीकत है.
उन्होंने कहा कि आज बंगाल की जो हालत है, वह इस तस्वीर से साफ झलक रही है. इसलिए इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस बौखला गयी है. लेकिन आम जनता जानती है कि बंगाल में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में जो तस्वीरें प्रकाशित की हैं, वे बिल्कुल सही हैं. वे लोग रोज इससे रूबरू हो रहे हैं. यही वजह है कि अन्य विरोधी दलों को नकारते हुए पश्चिम बंगाल के लोग जो तृणमूल कांग्रेस के शासन से निजात पाना चाहते हैं, वे भाजपा से जुट रहे हैं. नामांकन जमा करने में भाजपा, तृणमूल कांग्रेस के बाद नंबर दो और मुख्य विरोधी दल बन गयी है. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस का बौखलाना स्वाभाविक है.
श्री घोष ने कहा कि एफआइआर करने काे तो वे लोग स्वतंत्र हैं. वह कर सकते हैं, लेकिन तृणमूल कांग्रेस और राज्य सरकार को सलाह है कि वे इस बार भी कोर्ट की फटकार सुनेंगे. पश्चिम बंगाल की जो हालत है, वह तस्वीर से अलग नहीं है. मामला फिलहाल जनता की अदालत में हैं. वह पंचायत चुनाव में अपने नतीजों के माध्यम से इसका फैसला करेंगे. बशर्ते उन्हें अपने मताधिकारों का प्रयोग करने दिया गया तो.
राज्य में लोकतंत्र की हो रही हत्या : सोमनाथ
कोलकाता. पंचायत चुनाव को लेकर कई जगहों पर हिंसा की कथित घटनाओं को लेकर लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने राज्य की मौजूदा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है. पंचायत चुनाव के मुद्दे पर वह बुधवार को संवाददाताओं से मुखातिब हुए थे, जहां उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में चुनाव उत्सव की तरह होता है. पंचायत चुनाव को केंद्र कर हिंसा की कई घटनाएं हुईं. ऐसे में राज्य में क्या रक्त का उत्सव चल रहा है? श्री चटर्जी ने कहा कि जीवन के अंतिम पड़ाव में पश्चिम बंगाल की ऐसी स्थिति देखकर वह काफी दुखी हैं.
पंचायत चुनाव को लेकर अदालत के हस्तक्षेप किये जाने से संबंधित प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यदि लोगों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है, तो वे अदालत जा ही सकते हैं. चुनाव की प्रक्रिया निष्पक्ष होने पर क्या ऐसी स्थिति होती? चुनाव का मतलब है संवैधानिक पद्धति से एक प्रतियोगिता. लोग किसका समर्थन करेंगे, यह उनका अधिकार है. शक्ति प्रदर्शन से सत्ता को हासिल करना क्या सटीक चुनाव है? सत्तारूढ़ दल की ओर से आरोप लगाये जा रहे हैं कि विपक्षी दल पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं.
यदि ऐसा है, तो जब विपक्षी दलों की ओर से अराजकता फैलायी जा रही है, तो राज्य की पुलिस क्या कर रही है? पंचायत चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग की भूमिका की आलोचना करते हुए लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा लगता है कि आयोग तय नहीं कर पा रहा है कि वह क्या करे. कथित तौर पर कुछ दलों की ओर से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग के बारे में श्री चटर्जी ने कहा कि यदि लोकतंत्र पर हमले होंगे, तो ऐसी मांगें भी उठेंगी.
पंचायत चुनाव को लेकर राज्य की स्थिति विषम: कोलकाता. पंचायत चुनाव को लेकर राज्य की स्थिति विषम होती जा रही है. इस बार जैसी स्थिति शायद ही पहले हुई हो. राज्य मेें लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं. यह आरोप राज्य में वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बसु ने लगाया है. बुधवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए दिये गये अतिरिक्त समय मेें भी वामपंथी उम्मीदवारों, नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हमला किये जाने का सिलसिला जारी रहा.