वन प्राणियों की हत्या के खिलाफ उठी आवाज

हावड़ा : वन प्राणी को मौत के घाट उतार कर उनकी मांस को खाना आैर उनकी हड्डियों व चमड़ों को ऊंचे दामों में बेचनेवाले शिकारी अगर अपनी हरकत से बाज नहीं आये, तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा. वन विभाग के 1972-ए एक्ट के तहत चार साल सश्रम कारावास की सजा हो सकती है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2018 5:12 AM
हावड़ा : वन प्राणी को मौत के घाट उतार कर उनकी मांस को खाना आैर उनकी हड्डियों व चमड़ों को ऊंचे दामों में बेचनेवाले शिकारी अगर अपनी हरकत से बाज नहीं आये, तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा. वन विभाग के 1972-ए एक्ट के तहत चार साल सश्रम कारावास की सजा हो सकती है.
वन प्राणियों की रोजाना हत्या किये जाने पर मूर्तिकार तपन कर ने आवाज उठायी है. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये सभी से आग्रह किया है कि सभी इन प्राणियों को बचाने के लिए आगे आयें. रोजाना हो रहे इन प्राणियों की हत्या को लेकर खुद वन विभाग भी चिंतित है. विभाग का कहना है कि संसाधन की कमी होने के कारण अभियान चलाने में परेशानी होती है. प्राणियों को बचाने के लिए स्थानीय लोगों को सामने आना होगा. शिकारी को देखते ही ग्रामीण उन्हें पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दें. बाकी कार्रवाई हमलोग पूरा करेंगे.
उलबेड़िया महकमा में 90 फीसदी है ग्रामीण अंचल : उलबेड़िया महकमा 90 फीसदी ग्रामीण अंचल है. इस अंचल का अधिकतर हिस्सा पानी आैर जंगल से घिरा है. उदयनारायणपुर, उलबेड़िया, श्यामपुर, आमता सहित कई इलाकों में घने जंगल हैं. इन जंगलों में विरल प्रजाति के ही प्राणी नहीं, बल्कि लुप्त हो रही भी प्राणी हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि इन प्राणियों का जीवन घने जंगलों में सुरक्षित नहीं है. इन्हें आये दिन मारा जा रहा है. इसको लेकर सिर्फ वन विभाग ही नहीं, ग्रामीण भी परेशान हैं.
आस-पास के जिलों से पहुंचते हैं ये शिकारी : बताया जा रहा है कि ये शिकारी मिदनापुर व हुगली से यहां चोरी-चुपके पहुंचते हैं. हथियार के जरिये विरल प्रजाति की बिल्ली, मगरमच्छ सहित अन्य प्राणियों की हत्या करते हैं. इसके बाद इन प्राणियों का मांस खाकर उनकी हड्डियों आैर चमड़े को निकाल लेते हैं. बताया जा रहा है कि कोलकाता के न्यू मार्केट में इनकी हड्डी, दांत आैर चमड़े की बहुत मांग है. ऊंचे दामों में यहां के खरीदार इसे खरीदते हैं. गुरुवार को बागनान थाना अंतर्गत छहयानी गांव में शिकारियों का एक दल शिकार करने पहुंचा था. मूर्तिकार तपन कर के साथ स्थानीय लोगों ने भी इन सबों को रोका, लेकिन वह नहीं माने. बेखौफ होकर इन जानवरों को मारा. मांस बनाकर खाया आैर चमड़ा, दांत आैर हड्डी को साथ में लेकर चले गये.
यदि रोका नहीं गया तो वन प्राणी खत्म हो जायेंगे : तपन
अगर इसे रोका नहीं गया तो निश्चित तौर पर एक दिन ऐसा आयेगा कि जंगलों में रहने वाले विरल प्रजाति के वन प्राणी हमेशा के खत्म हो जायेंगे. मैंने सोशल मीडिया के जरिये सभी से आग्रह किया है कि वह सब इन प्राणियों को बचाने के लिए आगे आयें. लोगों के जवाब भी मिल रहे हैं. मैंने घटना की जानकारी वन विभाग को भी दी है. विभाग ने हरसंभव कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

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