गलतियाें से भी नहीं सीख रही माकपा

कोलकाता : माकपा से निष्कासित सांसद ऋतव्रत बनर्जी ने बुधवार को माकपा को जम कर कोसते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में माकपा का वर्चस्व अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, इसका सिर्फ यही कारण है कि वह अपनी गलतियों से कोई सीख नहीं ले रही. आज भी उनके अंदर भ्रम है कि वह बंगाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2018 4:19 AM
कोलकाता : माकपा से निष्कासित सांसद ऋतव्रत बनर्जी ने बुधवार को माकपा को जम कर कोसते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में माकपा का वर्चस्व अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, इसका सिर्फ यही कारण है कि वह अपनी गलतियों से कोई सीख नहीं ले रही. आज भी उनके अंदर भ्रम है कि वह बंगाल में अपनी स्थिति को बेहतर कर लेंगे, लेकिन उनको समझना चाहिए कि बंगाल में प्रमुख विरोधी पार्टी अब माकपा नहीं, बल्कि भाजपा हो गयी है. इस प्रकार की सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए हमें अपना स्टैंड बदलना होगा.
मुख्यमंत्री की तारीफ की
ऋतव्रत ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ करते हुए कहा कि देश में भाजपा की बढ़ती ताकत को अगर कोई रोक सकता है तो वह एक मात्र पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं. श्री बनर्जी ने कहा कि पूरे देश में भाजपा को अगर कोई चुनौती देनेवाला नेता है तो वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं, उनका कोई विकल्प नहीं है. इसलिए माकपा अगर वास्तव में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देनेवाली पार्टी को सत्ता में आने से रोकना चाहती है तो उसे तृणमूल कांग्रेस का हाथ मजबूत करना होगा. अगर माकपा यह कहती है कि वह तृणमूल कांग्रेस को भी परास्त करेगी और भाजपा को भी टक्कर देगी तो यह मात्र एक मजाक है, जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं. उन्होंने दावा किया कि पिछले एक वर्ष में माकपा के सदस्यों की संख्या में काफी गिरावट आयी है. सिर्फ एक साल में 60 हजार सदस्य कम हुए हैं.
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बंगाल में माकपा की स्थिति ऐसी हो गयी है कि 2019 में माकपा को यहां एक भी सीट नहीं मिलेगी. उनका खाता तक यहां नहीं खुलेगा. इसलिए माकपा को अब अकेले लड़ने की बजाय भाजपा को हराने के लिए अन्य पार्टियों के साथ मिल कर लड़ना चाहिए.
कुणाल घोष व ऋतव्रत ने किया संयुक्त संवाददाता सम्मेलन
बुधवार को प्रेस क्लब में सांसद ऋतव्रत बनर्जी व तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद कुणाल घोष ने संयुक्त रूप से संवाददाताओं को संबोधित किया और दोनों ने ही तृणमूल कांग्रेस के हाथ को और मजबूत करने की वकालत की. इस मौके पर श्री घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं से उनका मताविरोध हो सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह पार्टी के खिलाफ हैं. पश्चिम बंगाल में पिछले छह वर्षों में बहुत बेहतर कार्य किया है, इसलिए तृणमूल कांग्रेस का कोई दूसरा विकल्प हो ही नहीं सकता.
ऋतव्रत के बयान पर पूछे जाने से भड़के विमान
माकपा से निष्कासित सांसद ऋतव्रत बनर्जी के बयान के संबंध में पूछे जाने पर वाममोरचा के चेयरमैन विमान बोस भड़क गये. उन्होंने कहा कि पार्टी से निकाला हुआ नेता बाहर क्या कहता है, इससे पार्टी को कोई लेना-देना नहीं. उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह पार्टी के नेता नहीं है, इसलिए वह कहां क्या बयान दे रहे हैं, इस पर कोई वह प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते.

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