कोलकाता : पंचायत चुनाव के प्रचार के लिए रास्ते को पूरी तरह बंद नहीं किया जा सकता. कहीं भी रैली या सभा की वजह से कोई रास्ता बंद नहीं होना चाहिए. रास्ते का एक हिस्सा खुला रख कर ही सभा व रैली का आयोजन करना होगा. कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य व न्यायाधीश अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने गुरुवार को यह निर्देश दिया है. अदालत ने पुलिस-प्रशासन को इस पर विशेष नजर रखने का आदेश दिया.
गौरतलब है कि राज्य में रैली व सभा के लिए रास्ते बंद करने की घटना आम बात है. रैली व सभा की वजह से रास्ते तक बंद कर दिये जाते हैं. इस संबंध में वकील ऋतुपर्णा सरकार ने वर्ष 2015 में हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसके बाद हाइकोर्ट ने रैली व सभा की वजह से रास्ते बंद नहीं करने का आदेश दिया था.
लेकिन इसका अनुपालन अबतक नहीं किया जा रहा था. मामले की सुनवाई के दौरान वकील श्रीकांत दत्त ने बताया कि महानगर में सभा व रैली तो जैसे रोज की बात है और इससे शहर का जनजीवन रुक सा जाता है. उन्हाेंने इस संबंध में पुलिस प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाया. उन्होंने हाइकोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर के समय मामले में हुई कार्रवाई पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने कार्यशील दिवसों में पुलिस को किसी भी प्रकार की रैली व सभा के आयोजन की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया था.
इस संबंध में उन्होंने सरकारी महाधिवक्ता को समाचार-पत्रों में विज्ञापन देकर इसकी घोषणा करने का आदेश दिया था. इस मामले में सभी राजनीतिक पार्टियों को शामिल करते हुए सभी दलों के प्रतिनिधियों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया था. मामले की सुनवाई के दौरान 38 में से 30 पार्टियों के प्रतिनिधि उपस्थित हुए थे, वहीं तृणमूल सहित आठ पार्टियों ने अपना प्रतिनिधि नहीं भेजा था. गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक गंभीर समस्या है. इसका समाधान जरूरी है. उन्होंने पुलिस प्रशासन को कहीं भी रैली व सभा की वजह से कोई रास्ता बंद नहीं होने देने का निर्देश दिया.
प्रचार के दौरान बाइक रैली की अनुमति नहीं
कोलकाता. पंचायत चुनाव के प्रचार के दौरान बाइक रैली की अनुमति नहीं है. सूत्रों के अनुसार राज्य चुनाव आयोग की ओर से यह निर्देश दिया गया है. साथ ही राज्य चुनाव आयुक्त की ओर से जिलों के डीएम से संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों की सूची मांगी गयी है. सूत्रों की मानें तो इस बार मतदान के दौरान सुरक्षा के लिहाज से पोलिंग बूथों में रिटर्निंग ऑफिसर, आब्जर्वर, प्रिसाइडिंग ऑफिसर के अलावा किसी को आने की अनुमति नहीं होगी.