राष्ट्रपति से टीएमसी ने लगायी गुहार, हिंसा के लिए विपक्ष को ठहराया जिम्मेदार
दिल्ली/कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के खिलाफ हिंसा के लिए विपक्ष पर निशाना साधा और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ भ्रामक प्रचार पर ध्यान नहीं देने की अपील की. तृणमूल कांग्रेस के संसद सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल राज्य पंचायत चुनाव […]
दिल्ली/कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के खिलाफ हिंसा के लिए विपक्ष पर निशाना साधा और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ भ्रामक प्रचार पर ध्यान नहीं देने की अपील की.
तृणमूल कांग्रेस के संसद सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल राज्य पंचायत चुनाव के कथित पीड़ितों के साथ गुरुवार को राष्ट्रपति से भेंट किया. राष्ट्रपति के साथ राज्य में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान हिंसा के संबंध में भाजपा के आरोपों के बाद तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधियों की यह भेंट हुई है.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा : हमने राष्ट्रपति से कहा कि (पंचायत चुनावों के लिए) नामांकन दाखिल नहीं करने देने की विपक्षी दलों की शिकायतें सही नहीं हैं. हमने उन्हें बताया कि वैचारिक भिन्नता के बावजूद विपक्षी दलों ने गुटबंदी की और ममता बनर्जी सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है.
पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा में तृणमूल कांग्रेस के लिप्त होने की खबरों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा : राज्य में पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव होने पर तृणमूल कांग्रेस को ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीदें हैं. इसलिए हमारी ऐसी कोई मंशा नहीं है, भला जब हम जीत रहे हैं, तो हिंसा का सहारा क्यों लें?
राष्ट्रपति को अपने दिये गये बयानों के प्रमाण स्वरूप तृणमूल कांग्रेस कथित रूप से कई लोगों को विरोधी दलों के हिंसा का शिकार करार दिया और कहा कि बंगाल में कोई हिंसा का वातावरण फैला रहा है, तो वे हैं विरोधी दल. लिहाजा उनके आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने ध्यान नहीं देने की अपील की.
तृणमूल प्रतिनिधिमंडल ने बंगाल में चुनावी हिंसा पर राष्ट्रपति से की शिकायत
बीते दिनों प्रदेश भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल मुकुल राय के नेतृत्व में दिल्ली गया था. उनके साथ पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया में हुए हमले के शिकार लोग भी थे. मुकुल राय ने राष्ट्रपति से उनकी मुलाकात करवाई थी और राज्य के चुनावी हिंसा की जानकारी दी थी.
उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है. लिहाजा वह राज्य सरकार पर दबाव बनायें और चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से कराने की व्यवस्था करवायें. भाजपा के इस कदम का पलटवार करते हुए ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे के दौरान ही तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रपति से इस मुद्दे पर मुलाकात कर अपना पक्ष रखा है.