प्रशासनिक कैलेंडर का क्रियान्वयन कर रहे राज्य के सिर्फ 11 विभाग
15 विभागों ने पेश नहीं किया खर्च का ब्योरा योजनाओं का काम समय पर पूरा करने का दिया निर्देश कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार के सभी विभागों की योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए प्रशासनिक कैलेंडर बनाने का निर्देश दिया था और सभी विभागों को हर हाल में लागू करने का निर्देश […]
15 विभागों ने पेश नहीं किया खर्च का ब्योरा
योजनाओं का काम समय पर पूरा करने का दिया निर्देश
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सरकार के सभी विभागों की योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए प्रशासनिक कैलेंडर बनाने का निर्देश दिया था और सभी विभागों को हर हाल में लागू करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन मंगलवार को राज्य सचिवालय नबान्न भवन के पास बने सभाघर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी विभागों के प्रधान सचिव, सचिव, संयुक्त सचिव सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सभी विभागीय अधिकारियों को प्रशासनिक कैलेंडर के अनुसार योजनाओं को क्रियान्वित करने व उनकी वेबसाइट को हमेशा अपडेट करते रहने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक के दौरान कहा कि सिर्फ 11 विभाग ऐसे हैं, जो प्रशासनिक कैलेंडर के अनुसार अपडेट करते हैं, बाकी विभाग प्रशासनिक कैलेंडर का सही प्रकार से अनुसरण नहीं कर रहे. वहीं, विभाग द्वारा खर्च की गयी राशि व योजनाओं के क्रियान्वयन की सूचना भी राज्य सचिवालय अर्थात् वित्त विभाग को सौंपी नहीं जा रही है. 34 विभागों ने योजनाओं पर हुए खर्च का ब्योरा पेश किया है, लेकिन 15 विभागों ने इस संबंध में रिपोर्ट पेश नहीं की है.
उन्होंने सभी विभागों को समय पर ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया. प्रशासनिक बैठक के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी राज्य सरकार की उपलब्धियों को साझा किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार कर वसूलने की प्रणाली को डिजिटल प्रारूप में परिवर्तित कर चुकी है. इसकी वजह से कर अदायगी की प्रणाली काफी पारदर्शी हुई है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी व जीएसटी को लागू कर देश की अर्थव्यवस्था को पीछे कर दिया है. यह तो राज्य सरकार के प्रयास हैं, जिसकी वजह से हमारी आमदनी बढ़ी है.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की आमदनी में इस वर्ष 7300 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. वर्ष 2016-17 के 45,647 करोड़ रुपये की तुलना में वर्ष 2017-18 के वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने कर के रूप में 52,971 करोड़ रुपये वसूले हैं.
वहीं, योजना गत खर्च में भी 16.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पिछले वर्ष राज्य सरकार ने योजना गत खर्च के रूप में 49,609 करोड़ रुपये खर्च किये थे, जोकि इस वर्ष बढ़ कर 57,778.60 करोड़ रुपये हो गयी है. इसके साथ-साथ पूंजी खर्च के रूप में भी पिछले वर्ष के 12,028.50 करोड़ रुपये की तुलना में राज्य सरकार ने इस वर्ष 19,084.70 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से जहां एक ओर केंद्र सरकार की आमदनी कम हुई है, वहीं पश्चिम बंगाल सरकार की आमदनी में इजाफा हुआ है.