बंगाल पंचायत चुनाव पर SC का बड़ा आदेश : जहां दूसरा प्रत्याशी नहीं, वहां के परिणाम घोषित न करे चुनाव आयोग
कोलकाता/नयी दिल्ली : राज्य में पंचायत चुनाव को लेकर सभी बाधाएं लगभग खत्म हो गयी हैं. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट व कलकत्ता हाइकोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई करते हुए पंचायत चुनाव कराने को मंजूरी दे दी. इससे 14 मई को पंचायत चुनाव में मतदान के लिए कोई समस्या नहीं रह गयी है. सुप्रीम […]
कोलकाता/नयी दिल्ली : राज्य में पंचायत चुनाव को लेकर सभी बाधाएं लगभग खत्म हो गयी हैं. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट व कलकत्ता हाइकोर्ट ने दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई करते हुए पंचायत चुनाव कराने को मंजूरी दे दी. इससे 14 मई को पंचायत चुनाव में मतदान के लिए कोई समस्या नहीं रह गयी है. सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, एएम खानविलकर और डीवाइ चंद्रचूड़ की पीठ ने इमेल से नामांकन को लेकर राज्य चुनाव आयोग की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी.
हाइकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को इमेल से भेजे गये वैध नामांकन स्वीकार करने का निर्देश दिया था. इसके खिलाफ आयोग उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्विरोध जीतने के नतीजों की घोषणा नहीं करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं होती, तब तक आयोग निर्विरोध जीती गयी सीटों के परिणाम की घोषणा नहीं कर सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि राज्य चुनाव आयोग ऐसे उम्मीदवारों को विजयी घोषित न करे, जहां किसी और पार्टी के उम्मीदवार नामांकन न कर पाये हों. गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के लगभग 18 हजार उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके निर्विरोध चुनाव जीतने का दावा किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पंचायत चुनाव 14 मई को ही होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के आदेश पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कैसे जनप्रतिनिधि एक्ट में आइटी एक्ट को जोड़ा सकता है.
मतगणना 17 मई को होगी
कोलकाता. राज्य चुनाव आयोग की ओर से गुरुवार को स्पष्ट कर दिया गया कि दार्जिलिंग और कालिम्पोंग को छोड़कर राज्य के 20 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 14 मई को सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा. कहीं पर पुनर्मतदान होने की जरूरत पड़ी तो वह 16 मई को होंगे. मतगणना 17 मई को सुबह आठ बजे से शुरू होगी. ब्लॉक स्तर पर 330 केंद्रों पर मतगणना होगी. चुनाव की पूरी प्रक्रिया 21 मई को पूरी कर ली जायेगी.
हिंसा हुई तो सुरक्षा-व्यवस्था की रिपोर्ट देनेवाले अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य और न्यायाधीश अरिजीत बंद्योपाध्याय की पीठ ने गुरुवार को पंचायत चुनाव में सुरक्षा संबंधी याचिकाओं पर राय देते हुए साफ कर दिया कि निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिये राज्य सरकार की सुरक्षा व्यवस्था से अगर राज्य चुनाव आयोग संतुष्ट है तो आयोग किसी भी दिन मतदान करा सकता है. इसमें हाइकोर्ट कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा. हाइकोर्ट के इस फैसले से 14 मई को मतदान कराने का रास्ता साफ हो गया है. आयोग ने अदालत में कहा था कि सुरक्षा व्यवस्था से वह संतुष्ट है. हालांकि हाइकोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि चुनाव के दौरान यदि हिंसा या अशांति होती है तो उसकी जिम्मेदारी राज्य के उन प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों पर होगी, जिन्होंने मतदान की सुरक्षा की रिपोर्ट अदालत को सौंपी है.
खंडपीठ ने कहा कि यदि 2013 के पंचायत चुनाव से अधिक हिंसा हुई और जान-माल का नुकसान हुआ तो उसकी भरपाई रिपोर्ट सौंपने वाले अधिकारी अपनी जेब से करेंगे. उनके वेतन से भी भरपाई नहीं हुई तो उनकी संपत्ति जब्त की जायेगी और उससे भी क्षतिपूर्ति नहीं हुई तो राज्य सरकार को जिम्मेवारी लेनी होगी.
गौरतलब है कि तीन चरणों में होने वाले चुनाव को एक चरण में करने के फैसले से सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया था. इसी को लेकर राज्य सरकार के कर्मचारी संगठन से लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. गुरुवार को सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने आयोग से सवाल किया कि चुनाव को लेकर राज्य सरकार की ओर से जो सुरक्षा व्यवस्था की गयी है उससे क्या चुनाव आयोग संतुष्ट है.
इस पर राज्य चुनाव आयोग के अधिवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार की सुरक्षा व्यवस्था से आयोग संतुष्ट है. इस पर खंडपीठ ने कहा कि हाइकोर्ट के पास अपनी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है. इसीलिए यदि आयोग सुरक्षा से संतुष्ट है तो अदालत कुछ नहीं कर सकती. गौरतलब है कि इससे पहले राज्य सरकार ने हाइकोर्ट में रिपोर्ट सौंपी थी कि 61 हजार सशस्त्र व 80 हजार लाठीधारी पुलिस कर्मियों को सुरक्षा में तैनात किया जायेगा, जिनमें कोलकाता पुलिस, राज्य पुलिस के अलावा, वन सुरक्षा विभाग कर्मी, होमगार्ड और अन्य विभाग के सुरक्षा कर्मी तैनात होंगे. अन्य राज्यों से दो हजार सशस्त्र पुलिस मंगायी जायेगी. प्रत्येक बूथ पर एक सशस्त्र व एक लाठीधारी पुलिस कर्मी तैनात होंगे.