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पंचायत चुनाव : आज थम जायेगा प्रचार का शोर, धूप में पसीना बहा रहे हैं कैलाश विजयवर्गीय
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त ने गृह सचिव व डीजी के साथ की बैठक मतदान के 36 घंटे पहले विभिन्न होटलों और स्टेडियमों की तलाशी ली जायेगी किसी भी हालत में बाहरी लोगों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 14 मई को होनेवाले पंचायत चुनाव के लिए चुनाव […]
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त ने गृह सचिव व डीजी के साथ की बैठक
मतदान के 36 घंटे पहले विभिन्न होटलों और स्टेडियमों की तलाशी ली जायेगी
किसी भी हालत में बाहरी लोगों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 14 मई को होनेवाले पंचायत चुनाव के लिए चुनाव प्रचार का शोर थम जायेगा. पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. राज्य चुनाव आयोग ने समस्त जिला पुलिस प्रशासन को सुरक्षा-व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए कड़ी हिदायत दी है. आयोग ने कहा है कि सोमवार को पंचायत चुनाव के दिन मतदान केंद्रों को जाने वाले प्रमुख सड़कों की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रखनी होगी. विभिन्न थानों के नाम जारी निर्देश में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है.
ताकि मतदान के लिए जाने वाले लोगों को बाधा का सामना नहीं करना पड़े. मतदान के 36 घंटे पहले विभिन्न होटलों और स्टेडियमों की तलाशी ली जाए. किसी भी हालत में बाहरी लोगों के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. सड़क और जलमार्ग पर निगरानी बढ़ाने को कहा गया है.
हर बूथ पर सशस्त्र बल के जवान व लाठीधारी जवान की तैनाती
पंचायत चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त एके सिंह ने राज्य के गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य व राज्य के डीजी सुरजीत कर पुरकायस्थ के साथ बैठक की.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक के दौरान राज्य सरकार ने आयोग को पंचायत चुनाव में बेहतर सुरक्षा-व्यवस्था रखने का दावा किया है. उन्होंने प्रत्येक बूथ पर कम से कम एक सशस्त्र बल के जवान व एक लाठीधारी जवान को तैनात किया जायेगा. कई संवेदनशील इलाकों में राज्य सुरक्षा बलों और रैफ के जवानों का रूट मार्च शुरू हो गया है.
20 जिलों में होगा चुनाव
दार्जिलिंग और कलिम्पोंग को छोड़कर राज्य के 20 जिलों में पंचायत चुनाव 14 मई को सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा. कहीं पर पुनर्मतदान होने की जरूरत पड़ी तो वह 16 मई को होंगे. मतगणना की तिथि भी निर्धारित कर ली गयी है. आयोग के अनुसार मतगणना 17 मई को सुबह आठ बजे से शुरू होगी. ब्लॉक स्तर पर 330 केंद्रों पर मतगणना होगी. चुनाव की पूरी प्रक्रिया 21 मई कोपूरी कर ली जायेगी. राज्य में ग्राम पंचायत की कुल सीटें 48650 हैं, जिनमें निर्विरोध सीटों (अनकॉनटेस्टेड सीट) की संख्या 16814 है.
निर्विरोध सीटों पर चुनाव नहीं कराये जायेंगे. राज्य में पंचायत समिति की कुल सीटें 9271 हैं जिनमें निर्विरोध सीटों (अनकॉनटेस्टेड सीट) की संख्या 3059 है. निर्विरोध सीटों पर चुनाव नहीं कराये जायेंगे. राज्य में जिला परिषद की कुल सीटें 825 हैं जिनमें निर्विरोध सीटों (अनकॉनटेस्टेड सीट) की संख्या 203 है. निर्विरोध सीटों पर चुनाव नहीं कराये जायेंगे.
कोलकाता : धूप में पसीना बहा रहे हैं कैलाश विजयवर्गीय
कोलकाता : पंचायत चुनाव में प्रचार को फाइनल टच देने में भाजपा के सभी छोटे-बड़े नेता मैदान में उतर गये हैं. दिलीप घोष, राहुल सिन्हा, मुकुल राय, शमीक भट्टाचार्य, लॉकेट चटर्जी से लेकर संजय सिंह, राजू बनर्जी, शायंतन बसु, देवश्री चौधरी और प्रताप बनर्जी के साथ खुद भाजपा के बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय भी चिलचिलाती धूप में जमकर पसीना बहा रहे हैं. नेताओं की मेहनत जमकर रंग ला रही है. भाजपा की सभाओं में भीड़ भी जमकर हो रही है.
उत्साहित राहुल सिन्हा कहते हैं कि आमलोग इस बात को शिद्दत से महसूस कर रहे हैं कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस के कुशासन से तंग लोगों के सामने विरोधी दल के रूप में एकमात्र भाजपा ही नजर आ रही है. लिहाजा लोग इसके प्रति उम्मीद की नजर से देख रहे हैं. यही वजह है कि राज्य में जहां भी भाजपा की सभा हो रही है लोग बड़ी संख्या में वहां जुट रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि पंचायत चुनाव में 34 हजार से ज्यादा सीटों पर निर्विरोध चुनाव जीत कर तृणमूल कांग्रेस ने एक तरह से बाजी मार रखी है, लेकिन जहां भी कड़े विरोध के बावजूद भाजपा के उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर पाये हैं, वहां मुकाबला कांटे का हो रहा है. भाजपा तृणमूल के बाद सबसे अधीक सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करके मुख्य विपक्षी दल के रूप में सामने आयी है. इससे भाजपा के आम कार्यकर्ता और समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है.
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार भाजपा की सभाओं में जो भीड़ उमड़ रही है. उसके लिए किसी नेता विशेष को श्रेय नहीं दिया सकता. नाम नहीं छापने की शर्त पर तृणमूल कांग्रेस के कई नेता स्वीकार करते हैं कि हाल के दिनों में जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस के छोटे बड़े नेताओं के चाल चलन और रवैये में परिवर्तन आया है उसको आम जनता अच्छी नजर से नहीं देख रही है.
इसके अलावा पार्टी के नेताओं मसलन आराबुल इस्लाम जैसे नेताओं की छवि के कारण आम लोग तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लामबंद होते जा रहे हैं. हाल ही में जिस तरह बांग्ला के मशहूर कवि शंख घोष के प्रति अणुव्रत मंडल ने अशोभनीय टिप्पणी की थी, उससे शिक्षित लोग काफी नाराज हैं. इसका सीधा फायदा भाजपा को मिल रहा है.
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