कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सोमवार को पंचायत चुनाव के लिए मतदान के दौरान हुई भारी हिंसा में 18 लोगों की जान चली गयी और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गये. जगह-जगह बमबाजी और फायरिंग की घटनाएं हुईं. वोटिंग के लिए कड़े सुरक्षा इंतजामों के प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद कई इलाकों में जमकर खूनी संघर्ष हुआ.
सुबह सात बजे मतदान शुरू होते ही हिंसा की खबरें आने लगी. दिन चढ़ने के साथ मृतकों की संख्या बढ़ने लगी. इसी बीच, चुनाव में भारी हिंसा को देखते हुए गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है. मौतों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका है. अलग-अलग स्थानों पर हुई झड़पों में दर्जनों लोग जख्मी हुए हैं. उधर, हिंसा के बीच शाम पांच बजे तक 72.5 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था. मतगणना 17 मई को होगी. 34 फीसदी सीटों को निर्विरोध श्रेणी में रखा गया है. यानी यहां एक ही उम्मीदवार थे. सुप्रीम कोर्ट ने निर्विरोध वाली सीटों के परिणाम की घोषणा पर रोक लगा रखी है.
जानकारी के अनुसार, मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में भाजपा कार्यकर्ता तपन मंडल की हत्या कर दी गयी. आमडांगा में माकपा के कार्यकर्ता तैबू गाइन की बम हमले में मौत हुई है. दक्षिण 24 परगना जिले में माकपा कार्यकर्ता आरिफ अली की गोली मार कर हत्या कर दी गयी.
काकद्वीप के कचारिबारी में उपद्रवियों ने माकपा कार्यकर्ता देबू दास की पत्नी उषा दास को जिंदा जला दिया. कुलतली में तृणमूल समर्थक आरिफ अली गाजी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. शांतिपुर में बूथ दखल करने के दौरान अाम लोगों की पिटाई से संजित प्रमाणिक की मौत हो गयी. मुर्शिदाबाद के नेवदा में तृणमूल समर्थक शाहिन शेख की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. नदिया के नकाशीपाड़ा में गोली लगने से तृणमूल समर्थक भोला दफादार की मौत हो गयी. नंदीग्राम के 2 नंबर ब्लॉक में माकपा समर्थकों अप्पू मन्ना व जगनेश्वर घोष की मतदान केंद्र पर झड़प के दौरान मौत हो गयी. कूचबिहार के खामारटारी में दुलाल भौमिक की गोली मार कर हत्या कर दी गयी.