शादी टूटने पर किशोरी ने जहर खाकर दे दी जान

बर्दवान : पूर्व बर्दवान के दिवानदिघी थाना अंतर्गत मालकिता में शादी टूटने पर 17 वर्षीय पारूल खातून ने कीटनाशक खा लिया. परिजनों ने उसे पिछले शनिवार को बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया था. मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे उसने दम तोड़ दिया. मृतका के चाचा गुलाम नबी शेख ने पुलिस को बताया कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2018 3:23 AM
बर्दवान : पूर्व बर्दवान के दिवानदिघी थाना अंतर्गत मालकिता में शादी टूटने पर 17 वर्षीय पारूल खातून ने कीटनाशक खा लिया. परिजनों ने उसे पिछले शनिवार को बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया था. मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे उसने दम तोड़ दिया. मृतका के चाचा गुलाम नबी शेख ने पुलिस को बताया कि मेमारी थाना अंतर्गत सतगछिया के झिकड़ा में उसकी शादी तय हुयी थी.
इसके बाद से ही लड़का मालकिता अक्सर आने लगा. बाद में उसने किसी मामले को लेकर शादी से साफ इनकार कर दिया. शादी टूटने की सूचना मिलते ही पारूल ने चूहा मारने की दवा खा ली. गंभीर हालत में उसे बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में इलाज के दौरान लड़की की मौत हो गयी. दोपहर बर्दवान मेडिकल कॉलेज स्थित पुलिस मोर्ग में अंत्यपरीक्षण के बाद परिजनों को उसका शव सौंप दिया गया.
ससुराल की प्रताड़ना से तंग आकर की आत्महत्या
बर्दवान. हुगली के आरामबाग थाना अंतर्गत भालिया में झूमा दीगर (30) नामक विवाहिता ने ससुरालवालों की प्रताड़ना से तंग आकर कीटनाशक खा लिया. गंभीर हालत में उसे स्थानीय आरामबाग अस्पताल में भर्ती किया गया. बेहतर इलाज के लिये कार्यरत चिकित्सकों ने बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर किया. पुलिस ने बताया कि 16 साल पहले झूमा दीगर की शादी हुई थी. 14 और 10 साल की दो संतानें हैं.
कर्ज के बोझ से दबे किसान ने की आत्महत्या
बर्दवान. पूर्व बर्दवान के मेमारी थाना अंतर्गत पालसिट गांव में कर्ज के बोझ ले दबे होने के कारण मानसिक रूप से तनावग्रस्त लघु किसान आशिष मंडल(58) ने कीटनाशक दवा खा ली. गंभीर हालत में उसे बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया गया. सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
मृतक के बेटे दिव्येंदू मंडल ने बताया कि पिताजी पेशे से लघु किसान थे. अर्थाभाव के कारण पिताजी ने महाजन से कर्ज लिया था. उन्होंने सोचा था कि जमीन बेच कर वह कर्ज चुका देंगे. लेकिन जमीन बेचने में नाकाम हो गये. इधर महाजन का कर्ज चुकाने के लिये दबाव बढ़ता जा रहा था. इससे मानसिक रूप से तनावग्रस्त होकर उन्होंने कीटनाशक रसायन खा लिया.

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