तृणमूल की जय-जय भाजपा दूसरे नंबर पर
कोलकाता : राज्य पंचायत चुनाव में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस भारी जीत की ओर अग्रसर है, जबकि भाजपा ज्यादातर जिलों में तृणमूल की मुख्य प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी है और माकपा को पीछे छोड़ दूसरे स्थान पर कब्जा जमा लिया है. इस बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत के मामले में कांग्रेस को पीछे छोड़ […]
कोलकाता : राज्य पंचायत चुनाव में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस भारी जीत की ओर अग्रसर है, जबकि भाजपा ज्यादातर जिलों में तृणमूल की मुख्य प्रतिद्वंद्वी के तौर पर उभरी है और माकपा को पीछे छोड़ दूसरे स्थान पर कब्जा जमा लिया है. इस बार निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत के मामले में कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया है.
गुरुवार को कड़ी सुरक्षा में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना शुरू हुई. राज्य चुनाव आयोग की शाम छह बजे तक की रिपोर्ट के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस ग्राम पंचायतों की 19394 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है जबकि 4,730 सीटों पर आगे चल रही थी. तृणमूल पंचायत समिति की 560 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है जबकि 2981 सीटों पर बढ़त बनाये हुए थी.
जिला परिषद में तृणमूल कांग्रेस ने 55 सीटों को अपने नाम कर लिया है जबकि 296 सीटों पर आगे चल रही थी. भाजपा ग्राम पंचायत की 5050 सीटों पर विजयी हुई है जबकि 55 सीटों पर बढ़त आगे है. भाजपा पंचायत समिति की 24 सीट जीत चुकी थी, जबकि 257 सीटों पर आगे चल रही थी. वह जिला परिषद की 9 सीटों पर आगे चल रही है.
उधर वाम मोर्चा ने ग्राम पंचायत की 1440 सीटों पर जीत हासिल की है. पंचायत समिति की 7 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि 93 सीटों पर आगे चल रही है. वाम मोर्चा जिला परिषद की दो सीटों पर आगे चल रही थी. कांग्रेस ने ग्राम पंचायत की 918 और पंचायत समिति की एक सीट जीत ली है. वह पंचायत समिति की 61 सीटों पर आगे है.
इधर निर्दल उम्मीदवारों ने ग्राम पंचायत की 1614 सीटों पर कब्जा जमा लिया है जबकि पंचायत समिति की 32 सीटों को अपने नाम कर लिया है. तृणमूल 20 जिला परिषदों में 19 पर तृणमूल आगे चल रही है.
गौरतलब है कि दार्जिलिंग और कालिम्पोंग को छोड़ राज्य के 20 जिलों में 14 मई को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए कुल सीटों में 66 फीसदी पर मतदान हुआ. लगभग 34 फीसदी सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार निर्विरोध जीत गये थे, हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने परिणाम घोषणा पर स्टे लगा दिया है.
सूत्रों के अनुसार, विजयी होने वाले निर्दल उम्मीदवारों का बड़ा हिस्सा तृणमूल कांग्रेस का असंतुष्ट गुट है. झाड़ग्राम, वीरभूम, पुरुलिया समेत जंगलमहल के इलाकों में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए मुकुल राय और पूर्व आइपीएस अधिकारी भारती घोष की रणनीति का प्रभाव चुनाव परिणाम पर नजर आया है. शाम तक भाजपा वीरभूम में 628 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी थी.