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कोलकाता नगर निगम ने स्थगन प्रस्ताव लाने के लिए बीजेपी और वामदलों को किया ना

कोलकाता: निगम के मासिक अधिवेशन में वाममोरचा तथा भाजपा, स्थगन प्रस्ताव को लाना चाह रहे थे. इसके लिए दोनों दलों की ओर से कोलकाता नगर निगम की चेयरपर्सन माला राय को ज्ञापन नोटिस दिया गया था, लेकिन चेयरपर्सन ने इसकी अनुमति नहीं दी. माला राय ने कहा कि यह भगाड़ मांस मुद्दा केवल कोलकाता का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2018 2:24 AM
कोलकाता: निगम के मासिक अधिवेशन में वाममोरचा तथा भाजपा, स्थगन प्रस्ताव को लाना चाह रहे थे. इसके लिए दोनों दलों की ओर से कोलकाता नगर निगम की चेयरपर्सन माला राय को ज्ञापन नोटिस दिया गया था, लेकिन चेयरपर्सन ने इसकी अनुमति नहीं दी. माला राय ने कहा कि यह भगाड़ मांस मुद्दा केवल कोलकाता का नहीं‍ है बल्कि पूरे राज्य का है.
जांच पड़ताल के लिए राज्य सरकान ने मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया है. राज्य सरकार पूरे मामले पर नजर रख रही है. ऐसे में भगाड़ मांस कांड पर स्थगन प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है.
निगम पर भी भगाड़ मांस कांड का असर
महानगर में कुत्ते-बिल्लियों का मांस को चोरी छिपे बेचे जाने की घटना सामने आने के बाद अब लोग होटल व रेस्तरां में चिकन व मटन खाने से परहेज कर रहे हैं. कुछ लोग, तो शाकाहारी हो गये हैं. हालांकि प्रकरण के प्रकाश में आने के बाद ही कोलकाता नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य (स्वास्थ्य) अतिन घोष ने यह घोषणा कर दी थी कि महानगर के चिकन-मटन में कोई दोष नहीं है.
लेकिन ऐसा लग रहा है कि निगम खुद डरा हुआ है क्योंकि निगम में सदन के बैठल वाले दिन पार्षदों व आला अधिकारियों के लिए विशेष खान पान की व्यवस्था रहती है. खाने में चिकन मटन के लजीज रेसिपी को परोसा जाता है, लेकिन सोमवार के मध्याह्न भोज में मांस के किसी रेसिपी को शामिल नहीं किया गया था. मांस की जगह मछली दी गयी थी. यानी यह साफ है कि उक्त घटना ने बाद खाने-पीने के मामले में निगम भी एहतियात बरतने की कोशिश कर रहा है.

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