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फूलबाड़ी सीमांत से बंद है कारोबार, व्यवसायिक संबंध में आ सकती है कटुता
सिलीगुड़ी : भारत-बांग्लादेश सीमांत फूलबाड़ी से चारों देशों के बीच होने वाला व्यवसाय ठप पड़ा हुआ है. हानी के आंकड़े को लगातार बढ़ता देखकर आयात व निर्यात व्यवसायियों ने अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की है. व्यवसायियों के इस निर्णय से भारत, बांग्लादेश, नेपाल व भूटान के बीच व्यवसायिक संबंध में कटुता पैदा होने के आसार […]
सिलीगुड़ी : भारत-बांग्लादेश सीमांत फूलबाड़ी से चारों देशों के बीच होने वाला व्यवसाय ठप पड़ा हुआ है. हानी के आंकड़े को लगातार बढ़ता देखकर आयात व निर्यात व्यवसायियों ने अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की है. व्यवसायियों के इस निर्णय से भारत, बांग्लादेश, नेपाल व भूटान के बीच व्यवसायिक संबंध में कटुता पैदा होने के आसार बढ़ गये हैं.
व्यापार बंद होने से सड़क के किनारे बोल्डर लदे वाहन काफी संख्या में खड़े हैं, जिससे एशियन हाइवे व महानंदा बैराज के तीस्ता लिंक कनाल रोड से आवाजाही करने वाले राहगीरों व वाहनों की दुर्घटना की संभावना भी प्रबल होती जा रही है.
उल्लेखनीय है कि बीते 12 मई से फूलबाड़ी सीमांत से आयात-निर्यात का व्यवसाय ठप पड़ा हुआ है. बांग्लादेश के श्रमिकों के असंतोष का असर भारत, नेपाल व भूटान के व्यवसायियों को भी उठाना पड़ रहा है. बांग्लादेश को बोल्डर निर्यात करने वाले व्यवसायियों से मिली जानकारी के अनुसार बीते दस दिनों में साढ़े पांच करोड़ से भी अधिक का नुकसान हो चुका है. नेपाल, भूटान व चाय निर्यात करने वाले कारोबारियों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
फूलबाड़ी सीमांत से प्रतिदिन करीब 200 से 250 ट्रक बांग्लादेश जाते हैं. जिसमें से 50 से 70 ट्रक भूटान व नेपाल के होते हैं. मिली जानकारी के अनुसार बांग्लादेश में बोल्डर उतारने वाले श्रमिक आये दिन मजदूरी वृद्धि की मांग को लेकर हंगामा खड़ा करते हैं. इसलिए स्थानीय प्रशासन की ओर से सरकारी नियमानुसार श्रमिकों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया है. लेकिन श्रमिक प्रशासन द्वारा निर्धारित मजदूरी को मानने से इनकार कर रहे है. मजदूरी को लेकर ही बांग्लादेश के श्रमिक आंदोलन पर हैं.
इसी वजह से भारत, नेपाल व भूटान से बोल्डर व चाय व अन्य सामानों का निर्यात बंद है. उधर बांग्लादेश में श्रमिकों की समस्या को लेकर विचार-विमर्श का दौर जारी है. प्रशासन, व्यवसायी व श्रमिकों के साथ कई बार बैठक हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है. बीते 12 मई से कई सौ ट्रक सीमांत पर खड़े हैं. व्यवसासियों का कहना है कि गाड़ी चले या खड़ी रहे, चालक व खलासी का खर्च तो उठाना ही होगा. लगातार बढ़ रहे नुकसान को देखते हुए ही बुधवार से अनिश्चितकालीन बंद बुलाया गया है.
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