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पीएम मोदी का वादा, बांग्लादेश के लक्ष्य के लिए भारत बनेगा मददगार, 100 गांवों को डिजिटल बनाने का दायित्व

शांतिनिकेतन : दो प्रधानमंत्रियों के एक मंच पर पहुंचने का बना नया इतिहास, मोदी का वादा शांतिनिकेतन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत बांग्लादेश को अंतरिक्ष (स्पेस) तकनीक में पूरा सहयोग करेगा ताकि वर्ष 2041 तक विकसित देश बनने का लक्ष्य बांग्लादेश हासिल कर सके. शुक्रवार को शांतिनिकेतन परिसर में बांग्ला […]

शांतिनिकेतन : दो प्रधानमंत्रियों के एक मंच पर पहुंचने का बना नया इतिहास, मोदी का वादा
शांतिनिकेतन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत बांग्लादेश को अंतरिक्ष (स्पेस) तकनीक में पूरा सहयोग करेगा ताकि वर्ष 2041 तक विकसित देश बनने का लक्ष्य बांग्लादेश हासिल कर सके.
शुक्रवार को शांतिनिकेतन परिसर में बांग्ला भवन का उद्घाटन बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ करने के बाद उन्होंने कहा कि दोनों देशों की मित्रता व संबंध पूरे विश्व में पड़ोसियों के बीच शांतिपूर्ण विवाद मिटाने के मिसाल बन सकते हैं. मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी भी उपस्थित थे.
श्री मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश सहयोग और आपसी समझ से जुड़े देश हैं. चाहे उनकी संस्कृति हो या लोकनीति, दोनों देशों के लोग एक दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं. बांग्लादेश भवन इसका एक उदाहरण है. उन्होंने कहा कि बांग्ला भवन सांस्कृतिक बंधुत्व का प्रतीक है. कला, भाषा, संस्कृति, शिक्षा तथा संघर्षों का यह प्रतीक है.
कवि रवींद्रनाथ थे वैश्विक नागरिक, पर हृदय से थे राष्ट्रीय
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को मिला डीलिट, छात्रों को संदेश
शांतिनिकेतन. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्वकवि रवींद्रनाथ टैगोर वैश्विक नागरिक (ग्लोबल सिटिजेन) थे, जो वैश्विक होते हुए भी राष्ट्रीयता को केंद्र में रखते थे.
विश्वभारती में शुक्रवार को आयोजित दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वभारती को स्थापना के सौ वर्ष पूरे करते समय आसपास के सौ गांवों के विकास का दायित्व लेना चाहिए, तभी विश्वकवि के विजन को सार्थकता मिलेगी.
दीक्षांत समारोह में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को डीलिट से सम्मानित किया गया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी तथा विश्वभारती की कुलपति सबुज कली सेन तथा रामकृष्ण मिशन के वरिष्ठ सन्यासी उपस्थित थे.
विश्वभारती के कुलाधिपति सह प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि रवींद्रनाथ अपनी राष्ट्रीयता को लेकर हमेशा सचेत रहे. यही संदेश उन्होंने अपने दामाद को उस समय भी दिया था, जब वे अमेरिका में अध्ययन के लिए गये थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने शिक्षा की अलग दुनिया बनायी. सादगी उनकी मूल शिक्षा का तंत्र है.

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