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बैंकों के हड़ताल से हलकान हुए लोग, 20,000 करोड़ के लेनदेन पर भी असर : एसोचैम

कोलकाता/ नयी दिल्ली. सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल से 20,000 करोड़ रुपये के ग्राहक लेनदेन प्रभावित हो सकते हैं. उद्योग संगठन एसोचैम ने पदाधिकारी ने बुधवार को ये बातें कही. साथ ही उन्होंने बैंक कर्मचारी संघों के संयुक्त मोर्चे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) से हड़ताल वापस लेने का आग्रह […]

कोलकाता/ नयी दिल्ली. सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल से 20,000 करोड़ रुपये के ग्राहक लेनदेन प्रभावित हो सकते हैं. उद्योग संगठन एसोचैम ने पदाधिकारी ने बुधवार को ये बातें कही. साथ ही उन्होंने बैंक कर्मचारी संघों के संयुक्त मोर्चे यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) से हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया है.
संगठन ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हालत में सुधार के लिए राहत योजना लाने का भी आग्रह किया. एसोचैम ने बयान में कहा कि सार्वजनिक बैंक डूबे कर्ज की मार झेल रहे हैं. रिपोर्टों के मुताबिक उनका घाटा मार्च 2018 तिमाही में बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने को है, जो कि इससे पिछली तिमाही में हुए घाटे 19,000 करोड़ रुपये के दोगुने से अधिक है.
एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा कि इस खराब स्थिति को ध्यान में रखते हुए एसोचैम सरकार से राहत योजना पेश करने का आग्रह करता है, जिसमें सार्वजनिक बैंकों की बेहतर हालत बहाल करना सुनिश्चित हो. उन्होंने कहा कि करीब 10 लाख बैंककर्मियों के हड़ताल पर जाने से देशभर में सार्वजनिक बैंकों की शाखाओं में चेक क्लीयरेंस, खाते से नकदी निकालने और जमा करने से जैसे बैंकिंग कामकाज प्रभावित होंगे.
अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने कहा कि यूनियन फोरम ऑफ बैंकिंग यूनियन (यूएफबीयू) ने बैंक संघ द्वारा प्रस्तावित दो प्रतिशत वेतन वृद्धि के विरोध में दो दिन की हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है, क्योंकि पिछली बार 15% की वेतन वृद्धि की गई थी. इसके परिणामस्वरूप देशभर के सार्वजनिक बैंकों में कामकाज बाधित रहा. हालांकि, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक जैसे निजी बैंकों में कामकाज लगभग सामान्य रहा.
बंगाल में बंद रहीं बैंक की 10 हजार शाखाएं, हड़ताल पर 70,000 बैंककर्मी, 21,000 एटीएम भी बंद रहे
कोलकाता : बुधवार को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के पश्चिम बंगाल के संयोजक सिद्धार्थ खान के नेतृत्व में बैंक हड़ताल के समर्थन में रैली निकाली गयी. वहीं, घोषणा के अनुसार, पश्चिम बंगाल में भी सार्वजनिक बैंकों के 70,000 कर्मचारी बंद में शामिल रहे और यहां बैंक की करीब 10,000 शाखाएं और 21,000 एटीएम बंद रहे.
इस मौके पर एआइबीओसी के प्रदेश सचिव संजय दास, बीपीबीईए के सह सचिव पार्थ चंद्र, बीईएफआइ के महासचिव जयदेव दासगुप्ता, बीपीबीईए के उपाध्यक्ष पवित्र चटर्जी, एआइबीईए के अध्यक्ष निर्मल दत्ता सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.
बैंक हड़ताल से लोग हुए परेशान
कोलकाता : दो दिवसीय बैंक हड़ताल का कोलकाता समेत आस-पास के सटे सभी जिलों में गहरा प्रभाव पड़ा. सॉल्टलेक के कई इलाकों में बैंकों का अलग-अलग दृश्य दिखा. कुछ जगहों पर ताला लगे थे और बाहर बैंक कर्मचारी यूनियन विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तो कुछ जगहों पर गेट पर ताला लगाकर कर्मचारी धरना प्रदर्शन पर बैठे थे.
इस वजह से आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इधर विभिन्न एटीएम काउंटरों पर लोग भटकते दिखे, लेकिन कहीं भी किसी को राहत नहीं मिली, सभी जगहों से लोगों को निराश लौटना पड़ा. इधर सॉल्टलेक के निवासी अशोक साव ने बताया कि सुबह कई एटीएम का चक्कर काट लिये, लेकिन सभी जगह एटीएम बंद होने से रुपये भी नहीं निकाल पाया. इधर न्यूटाउन निवासी कैलाश महतो का कहना था कि रुपये की जरूरत है, लेकिन बैंक हड़ताल की वजह से रुपये निकाल नहीं पा रहा.

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