कोलकाता : दो दिनों में पश्चिम बंगाल में करेगा मॉनसून प्रवेश, बाढ़ से मुकाबले को तैयार सरकार, संबंधित अधिकारियों की छुट्टियां रद्द

कोलकाता : मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल में अगले दो दिन के बाद मानसून प्रवेश करेगा. राज्य सरकार ने मानसून आने के पूर्व ही बाढ़ नियंत्रण की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य के सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी ने सोमवार को नबान्न में बताया कि राज्य सरकार बाढ़ से मुकाबले के लिए तैयार रहना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2018 1:42 AM
कोलकाता : मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम बंगाल में अगले दो दिन के बाद मानसून प्रवेश करेगा. राज्य सरकार ने मानसून आने के पूर्व ही बाढ़ नियंत्रण की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य के सिंचाई मंत्री राजीव बनर्जी ने सोमवार को नबान्न में बताया कि राज्य सरकार बाढ़ से मुकाबले के लिए तैयार रहना चाहती है.
इसके मद्देनजर ही बाढ़ मुकाबले से जुड़े सभी इंजीनियरों व अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं.उन्होंने कहा कि दमोदर घाटी निगम द्वारा बिना सूचना के डैम का पानी छोड़ने के कारण बंगाल में बाढ़ आती रही है. उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर 11 जून को दमोदर घाटी निगम के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.
श्री बनर्जी ने केंद्र सरकार पर नदी कटाव को लेकर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर गंगा व पद्मा नदी कटाव पर रोकथाम के लिए 107 करोड़ रुपये के निवेश का निर्णय किया गया. यह कार्य 2019 में पूरा होगा. उन्होंने कहा कि नदी कटाव के समाधान से सैकड़ों लोगों को राहत मिलेगी तथा बाढ़ के पानी से उनके मकान नहीं बह पायेंगे.
उल्लेखनीय है कि 2017-18 में राज्य सिंचाई विभाग की ओर से नदी कटाव पर रोकथाम के लिए 72.1 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था तथा इस वर्ष 107 करोड़ रुपये के निवेश से नदी किनारे के लगभग 15 किलोमीटर इलाके को कंक्रीट बनाये जायेंगे.
उन्होंने बताया कि कूचबिहार में लगभग 37 नदी के किनारों की पहचान की गयी है. उसके साथ ही मुर्शिदाबाद में पद्मा नदी पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश को विभाजित करती है. नदी कटाव के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा है.
बाढ़ के पानी में कई सीमा सुरक्षा बल के बॉर्डर आउट पोस्ट बह जाते हैं. जवान बॉर्डर आउट पोस्ट से ही सीमा की निगरानी करते हैं. यही स्थिति मालदा में भी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कई बार केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश किया है, लेकिन केंद्र सरकार पूरी तरह से उदासीन है.

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