कोलकाता : शहर की तुलना में गांव में चिकित्सा सेवा काफी कम ही रहती है और वहां के लोगों को चिकित्सा के लिए शहर का रुख करना पड़ता है. बंगाल में कुल 40 हजार गांव हैं. सभी लोग शहर में नहीं आ सकते हैं. ऐसे में उनकी आंखों से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिक उपचार के जरिये निजात करने की सेवा की शुरुआत की गयी.
इसके लिए सुश्रुत आइ फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर ने एक पहल शुरू की है. नेत्र चिकित्सा प्रशिक्षण के जरिये बेरोजगार लोगों को ट्रेनिंग देकर उनके जरिये गांवों में चिकित्सा प्रदान कर लोगों को लाभांवित करने का कदम उठाया गया है. ये बातें सुश्रुत आइ फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर के सचिव डॉ रथीश चंद्र पाल ने कहीं. साल्टलेक के आइ फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर में बुधवार को एक कार्यक्रम के साथ इस पहल की शुरुआत की गयी. कार्यक्रम में उपस्थित पिछड़ा वर्ग विकास निगम के अध्यक्ष ओपेन विश्वास ने इसका उद्घाटन किया.
श्री चंद्र पाल ने बताया कि इसे केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद शुरू किया गया है. इसमें मुख्य रूप से प्रशिक्षण प्राप्त लोग गांव में आंखों की चिकित्सा कर पायेंगे. यह प्रशिक्षण फिलहाल एससी और एसटी श्रेणी के लोगों के लिए चालू किया गया है. बाद में इससे अन्य बच्चों को भी जोड़ा जायेगा.