कोलकाता : अंतत: मरीज को एलोपैथी चिकित्सा पद्धति ने ही दिलायी राहत

कोलकाता : आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ऐसे मरीज की सर्जरी की गयी है, जो अब से करीब एक वर्ष पहले बायोप्सी के नाम पर भाग खड़ा हुआ था. इलाज के लिए वह अल्टरनेटिव मेडिसिन यानी होम्योपैथी की ओर बढ़ा. वह लगभग एक वर्ष तक अपनी बीमारी की होम्योपैथी चिकित्सा करवाता रहा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2018 7:57 AM
कोलकाता : आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ऐसे मरीज की सर्जरी की गयी है, जो अब से करीब एक वर्ष पहले बायोप्सी के नाम पर भाग खड़ा हुआ था.
इलाज के लिए वह अल्टरनेटिव मेडिसिन यानी होम्योपैथी की ओर बढ़ा. वह लगभग एक वर्ष तक अपनी बीमारी की होम्योपैथी चिकित्सा करवाता रहा. इसी बीच, सुधार होने की बजाय उसकी परेशानी बढ़ रही थी. वह फिर गंभीर हालत में आरजी कर अस्पताल पहुंचा. जहां मरीज की सफल सर्जरी की गयी है. मरीज का नाम तपन कुमार दास (68) है. वह महानगर के पातीपुकुर के रहनेवाले हैं.
जानकारी के अनुसार, तपन कुमार एक वर्ष पहले गले में दर्द और सांस की समस्या को लेकर आरजी कर अस्पताल पहुंचे. जांच में चिकित्सकों ने उनके गले में ट्यूमर पाया. ट्यूमर कैंसरस है या नहीं, इसकी जांच के लिए चिकित्सकों ने उन्हें बायोप्सी कराने को कहा. लेकिन बायोप्सी (प्रभावित अंश का एक छोटा हिस्सा लेकर जांच करना) का नाम सुनते ही वह घबरा उठे. डर के मारे उन्होंने यह जांच नहीं करायी और होम्योपैथी चिकित्सक के पास पहुंचे.
चिकित्सकों का मिला सहयोग
इसके बाद राहत नहीं मिलने पर उन्होंने नेचुरोपैथी की भी चिकित्सा करायी, लेकिन ट्यूमर का आकार बढ़ता ही जा रहा था. आखिर में पिछले बुधवार को उन्हें मांस खाने में काफी दिक्कत हुई. इसके बाद वह आरजीकर अस्पताल के इएनटी इमरजेंसी विभाग में पहुंचे. उन्हें अस्पताल में दाखिल कर िलया गया. शनिवार सुबह सर्जरी कर मरीज के गले से ट्यूमर को निकाल दिया गया. ट्यूमर को बायोप्सी जांच के लिए भेजा गया है.
वहीं प्राथमिक जांच में चिकित्सकों का अनुमान है कि मरीज गले के कैंसर से पीड़ित हो सकता है. सर्जरी के बाद मरीज की हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है. इएनटी विभाग के चिकित्सक डॉ आइएन कुंडू, डॉ एस घोष, डॉ कुंतल माइती तथा डॉ एमके सिंह सहित अन्य चिकित्सकों ने सर्जरी को सफलता पूर्वक अंजाम दिया.
मरीज की पत्नी दीपाली दास ने बताया कि उनके पति केइलाज में विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ एस बासु ने काफी सहयोग किया. उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में जिस तरह से आसानी के साथ उनके पति की सर्जरी की गयी, इसके लिए वह चिकित्सकों की शुक्रगुजार हैं.

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