फरजी खबरों से निपटने के लिए नया कानून बना रही है बंगाल सरकार

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों और पोस्ट की समस्या से निपटने के लिए एक नए कानून पर काम कर रही है. देश के कई हिस्सों में ऐसे पोस्टों से हो रही परेशानियों और अशांति की पृष्ठभूमि में यह कदम सामने आया है . गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 15, 2018 1:08 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों और पोस्ट की समस्या से निपटने के लिए एक नए कानून पर काम कर रही है. देश के कई हिस्सों में ऐसे पोस्टों से हो रही परेशानियों और अशांति की पृष्ठभूमि में यह कदम सामने आया है . गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार की मंशा है कि समाज में शांति एवं सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने या घृणा पैदा करने के उद्देश्य से फर्जी खबरें फैलाने वालों और तस्वीरों को छेड़छाड़ कर उन्हें पोस्ट करने के जिम्मेदार लोगों के अपराध और सजा की प्रकृति पर अधिक स्पष्टता लाई जाए.

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार नया कानून बनाते हुए अपराधियों के रिकॉर्ड रखने के अलावा पिछले कुछ वर्षों में पश्चिम बंगाल तथा देश के अन्य हिस्सों में सोशल मीडिया पर फैली फर्जी खबरों पर एक डेटा बैंक तैयार कर रही है. राज्य में पिछले कुछ वर्षों में फर्जी खबरें फैलने की कई रिपोर्टों के बाद नया कानून तैयार किया जा रहा है. शिलॉन्ग , झारखंड में गोड्डा और असम के कार्बी आंगलोंग जिले में हाल में हुई घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है. अधिकारी ने कहा कि सोशल नेटवर्किंग साइटों पर फर्जी खबरों और तस्वीरों को तोड़ – मरोड़ कर पोस्ट करने के बड़े असर हो सकते हैं.
इससे लोगों के बीच अशांति पैदा हो सकती है तथा इससे निपटने के लिए सख्त कानून की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में पश्चिम बंगाल में जनता के बीच डर या चिंता पैदा करने या अपराध करने की मंशा से ऐसे पोस्ट डालने वाले लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (1)(बी) के तहत मामला दर्ज किया जाता है.
नया कानून बनाने की प्रक्रिया में सरकार पश्चिम बंगाल पुलिस की सहायता भी ले रही है. अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने कई पेड टि्वटर हैंडल और फेसबुक अकाउंट की पहचान की है जिनका ऐसे पोस्टों के लिए अलग – अलग तरीके से लगातार इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा , ‘‘ उन्होंने इसकी भी पहचान की है कि फर्जी टि्वटर हैंडल और फेसबुक अकाउंट चलाने वालों और फर्जी खबरें , तस्वीरें तथा लेख साझा करने वाले लोगों का कैसे विभिन्न माध्यमों से वित्त पोषण किया जाता है.

Next Article

Exit mobile version