नीति आयोग की बैठक में भाग लेने दिल्ली पहुंचीं ममता, गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों संग की बैठक
कोलकाता : इच्छा नहीं होने के बावजूद नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने शनिवार को ही ममता बनर्जी दिल्ली पहुंच गयी. लोग कयास लगा रहे हैं कि संभवत: इस सरकार के कार्यकाल में यह अंतिम बैठक होने जा रही है. रविवार को बैठक होगी. इसके पहले नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल से […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
June 17, 2018 8:04 AM
कोलकाता : इच्छा नहीं होने के बावजूद नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने शनिवार को ही ममता बनर्जी दिल्ली पहुंच गयी. लोग कयास लगा रहे हैं कि संभवत: इस सरकार के कार्यकाल में यह अंतिम बैठक होने जा रही है. रविवार को बैठक होगी. इसके पहले नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल से हिस्सा लेने के लिए ममता बनर्जी ने राज्य के वित्तमंत्री अमित मित्रा को भेजा था. लेकिन नीति आयोग की बैठक में केवल मुख्यमंत्री ही शामिल हो सकते हैं. इसलिए अमित मित्रा को बैठक में शामिल नहीं किया गया था. इस बारभी ममता बनर्जी नहीं जाना चाहती थी. लेकिन कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अनुरोध पर वह दिल्ली पहुंची.
इस बात का खुलासा खुद ममता बनर्जी ने ही कोलकाता में किया. दिल्ली जाने के पहले राज्य के सचिवालय में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होने कहा था कि ईद के दिन ही नीति आयोग की बैठक बुलाकर केंद्र सरकार सबसे बात करना चाहती थी. लेकिन विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के कहने पर बैठक रविवार को तय किया गया. वह इस बैठक में शामिल नहीं होना चाहती थी , उनका मन भी नहीं था इस बैठक में शामिल होने का . लेकिन जिस तरह से विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने उनको कहा तो वह तैयार हुई. बैठक में शामिल होने का मुख्य मकसद है राज्य की विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार से हिस्सेदारी लेना.
मिली जानकारी के अनुसार बैठक में शामिल होने के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू तेलंगना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सरीखे मुख्यमंत्रियों ने उनसे नीति आयोग की बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया था. इसके पीछे वजह यह है कि भाजपा विरोधी पर्देशों के मुख्यमंत्री अपने अपने राज्यों के लिए केंद्र से विशेष सहायता की मांग तो करेंगे ही. साथ में भाजपा विरोधी राष्ट्रीय स्तर पर बनने वाले मंच के बारे में भी चर्चा करेंगे.
ममता ने कोलकाता में साफ कहा था कि सबके अनुरोध पर वह दिल्ली जा रही है. वहां पर वह सबकी बात सुनेगी. वह लोगों की बात सुनने ही जा रही है. दिल्ली पहुचने के बाद ममता बनर्जी सबसे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से एम्मस अस्पताल में मिलने के बाद उनकी सेहत की खोज खबर ली. इसके बाद वह चंद्र बाबू नायडू से मिली. अन्य नेताओं से मिलने का सिलसिला उनका जारी है. सबकी निगाहें नीति आयोग की बैठके दौरान भाजपा विरोधी मोर्चे पर टिकी है. हालांकि ममता बनर्जी ने अभी अपना पत्ता नहीं खोला.
दक्षिण के गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों संग ममता ने की बैठक
शनिवार को दिल्ली स्थित आंध्र भवन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गैर भाजपाई मुख्यमंत्रियों संग बैठक की. इसमें कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमार स्वामी, केरल के वामपंथी मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू शामिल थे. चारों मुख्यमंत्रियों के बीच क्या बात हुई, इसका खुलासा अभी नहीं हो पायी, लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि रविवार को होनेवाली बैठक में अपने-अपने राज्यों के हित के लिए सभी मुख्यमंत्री मुखरित थे.
कयास लगाया जा रहा है कि गैर भाजपाई सभी मुख्यमंत्री साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बना रहे हैं. इसके लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हो रही है. इस बीच कांग्रेस की तरफ से आयी खबर ने फेडरल फ्रंट को लेकर दिक्कत पैदा कर दी है. खबर के मुताबिक कांग्रेस 250 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इस विषय पर भी बैठक में चर्चा हुई. हालांकि ममता बनर्जी इस बात पर पहले की तरह ही इस बार भी जोर दे रही हैं कि जिस राज्य में जो पार्टी मजबूत स्थिति में है, उसके नेतृत्व में बाकी लोग चुनाव लड़ेंगे. हालांकि आधिकारिक रूप से अभी कोई कुछ कहने को तैयार नहीं हैं. अलबत्ता वामपंथी मुख्यमंत्री के साथ ममता बनर्जी की बैठक राजनैतिक गलियारे में चर्चा का विषय बन गयी है, क्योंकि फेडरल फ्रंट में शामिल होने की बात अगर विजयन करते हैं तो पश्चिम बंगाल में वामपंथी क्या ममता बनर्जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे ?