लड़की को घरवालों ने कर लिया था कैद, थाने में रचायी शादी
हुगली : हुगली जिले के निवासी विजय मंडल और श्रेया चिना ने हुगली के एक थाने में शादी की. इससे एक महीने पहले दोनों ने घरवालों को बिना बताये ही कोर्ट मैरेज कर ली थी. जानकारी के मुताबिक, दोनों चार साल से रिलेशनशिप में थे. जब दोनों की शादी की बात श्रेया के घरवालों को […]
हुगली : हुगली जिले के निवासी विजय मंडल और श्रेया चिना ने हुगली के एक थाने में शादी की. इससे एक महीने पहले दोनों ने घरवालों को बिना बताये ही कोर्ट मैरेज कर ली थी. जानकारी के मुताबिक, दोनों चार साल से रिलेशनशिप में थे. जब दोनों की शादी की बात श्रेया के घरवालों को पता चली तो उन्होंने इसे मानने से इनकार कर दिया और श्रेया को घर पर ही कैद कर दिया.
श्रेया के घरवालों ने उन्हें विजय से मिलने से भी रोक दिया. यह बात जब विजय को पता चली तो वह श्रेया से मिलने उनके घर गये. वहां श्रेया के घरवालों ने विजय को बुरी तरह मारा-पीटा और कैद कर लिया. बाद में विजय को छोड़ते हुए श्रेया के घरवालों ने उसे श्रेया से दूर रहने की धमकी दी. विजय ने मामले के बारे में आरामबाग थाने में शिकायत भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
एनजीओ की मदद से निकाली गयी लड़की
इसके बाद विजय ने मानवाधिकार के लिए काम करने वाले एक एनजीओ की मदद ली. एनजीओ की मुखिया संगीता चक्रवर्ती ने कुछ स्वयंसेवकों के साथ एसडीपीओ से मुलाकात की. एसडीपीओ से निर्देश मिलने के बाद पुलिस श्रेया के घर गयी और उन्हें थाने ले आयी. थाने में विजय और उनका परिवार पहले से ही मौजूद था.
श्रेया ने लिखित रूप में दिया कि वह अपनी मर्जी से आयी है. उन्होंने यह भी बताया कि उनके घरवालों ने उनको किस हद तक प्रताड़ित किया. विजय के घरवालों ने थाना परिसर में ही शादी करवाने की व्यवस्था की और वहीं दोनों की शादी करवा दी गयी. शादी करने के बाद इन दोनों ने कहा : हमने पहले भी कोर्ट मैरेज कर ली थी. हम एक-दूसरे से प्यार करते हैं और अब हमने हिंदू रीति-रिवाज से भी शादी कर ली है.
लड़की के पिता बोले : बेटी को नहीं है हमारी परवाह
विजय के पिता चंदन मंडल ने कहा : मैं अपनी बहू को बेटी की तरह प्यार करूंगा. उसने पहले ही बहुत कष्ट झेल लिया है इसलिए उसने अपना घर भी छोड़ दिया. हम उसे अकेला महसूस नहीं होने देंगे. श्रेया के पिता श्रीमंतो चिना ने कहा : मेरी राय से इनकी शादी पर क्या फर्क पड़ता है? इन्हें कोई परवाह ही नहीं है. मैं पराई हो चुकी बेटी के लिए कुछ नहीं कहना चाहूंगा. हमने उसे कभी टॉर्चर नहीं किया, बस उसे समझाने की कोशिश की थी.