आइसीएसइ में रोचक होगा पाठ्यक्रम

कोलकाता : आइसीएसइ स्कूलों में अब इंगलिश साहित्य की कक्षाओं में काफी बदलाव देखने को मिलेगा. बोर्ड में गत वर्ष अभिभावकों द्वारा शिकायत की गयी थी कि बच्चों पर पाठ्यक्रम का काफी बोझ है. इसको हल्का करने के लक्ष्य से काऊंसिल ऑफ स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (सीआइएससीइ) ने अंग्रेजी साहित्य के पाठ्यक्रम में संशोधन करते हुए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2018 1:53 AM
कोलकाता : आइसीएसइ स्कूलों में अब इंगलिश साहित्य की कक्षाओं में काफी बदलाव देखने को मिलेगा. बोर्ड में गत वर्ष अभिभावकों द्वारा शिकायत की गयी थी कि बच्चों पर पाठ्यक्रम का काफी बोझ है. इसको हल्का करने के लक्ष्य से काऊंसिल ऑफ स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (सीआइएससीइ) ने अंग्रेजी साहित्य के पाठ्यक्रम में संशोधन करते हुए काफी चर्चित पुरानी किताबें इसमें जोड़ने का फैसला किया है.
जूनियर स्कूल में कक्षा 3 से आठवीं तक के बच्चों के लिए ग्राफिक नोवेल्स-अमर चित्र कथा से लेकर टिनटिन व एसटेरिक्स से लेकर अमरीकन कार्टूनिस्ट आर्ट स्पाइजेलमेंस होलोकास्ट सागा-माउस-को अंग्रेजी साहित्य के पाठ्यक्रम में शुरु किया गया है. इस विषय में सीआइएससीइ के एक अधिकारी ने बताया कि एक समय था जब, आइसीएसई स्कूलों में छात्रों से उनकी कॉमिक बुक्स टीचर द्वारा छीन ली जाती थी. अब यह मनोरंजक पुस्तक उन्हें पढ़ने को मिलेंगी.
छात्र मनोरंजन व खुशी के साथ रोचक कहानियां, जीवन-बदलने वाले एडवेन्चर्स किस्से, हैरी पोर्टर भी पढ़ पायेंगे. इसके अलावा स्कूल में एनी फ्रेंक से लेकर मलाला व एपीजे अब्दुल कलाम की ऑटोग्राफी भी पढ़ने को मिलेगी. स्कूलों में कक्षा प्रथम व दूसरी के बच्चों को भी काफी मनोरंजक चीजें पढ़ने को मिलेंगी. कई बच्चे टिनटिन व एस्टेरिक्स के दीवाने हैं. ये किताबें बच्चों को काफी पसंद आयेंगी.
अब बच्चों को कक्षा में बोरियत का अहसास नहीं होगा. इस विषय में सेन्ट्रल मोडेल स्कूल, बारानगर के एक शिक्षक का कहना है कि बच्चे अब पढ़ाई के प्रति ज्यादा रुचि लेंगे. प्रस्तावित पाठ्यक्रम में इस बात का विवरण दिया गया है कि नर्सरी छात्रों को प्रति वर्ष 800 इन्सट्रक्शनल घंटे स्कूल में बिताने चाहिए. इसके अलावा बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए कई प्रतियोगिताएं बच्चों के बीच आयोजित की जायेगी. इसके लिए स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जायेगा.

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