कोलकाता : इडी ने शुरू की रोजवैली की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया
राजारहाट व न्यू टाउन में संपत्ति का पता लगाने के लिए रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचे इडी के अधिकारी कुछ जमीन की मापी कर उसे जब्त करने की शुरू की प्रक्रिया कोलकाता, बागुईहाटी, मंदारमणि व दक्षिण 24 परगना में भी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू अदालत से संपत्ति जब्त करने का निर्देश पाने के बाद इडी […]
राजारहाट व न्यू टाउन में संपत्ति का पता लगाने के लिए रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचे इडी के अधिकारी
कुछ जमीन की मापी कर उसे जब्त करने की शुरू की प्रक्रिया
कोलकाता, बागुईहाटी, मंदारमणि व दक्षिण 24 परगना में भी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू
अदालत से संपत्ति जब्त करने का निर्देश पाने के बाद इडी ने तेज की कार्रवाई
कोलकाता : चिटफंड कंपनी रोजवैली मामले में कार्रवाई शुरू करते हुए प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने शुक्रवार को इस कंपनी के नाम पर प्रॉपर्टी को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की.
इडी सूत्रों के मुताबिक, अदालत से संपत्ति जब्त करने का निर्देश पाने के बाद ही कार्रवाई में तेजी लायी गयी है. इस कंपनी के नाम पर राजारहाट व न्यू टाउन में बड़े पैमाने में जमीन है.
इसी जमीन का पता लगाने के लिए इडी की टीम राजारहाट में बीएलआरओ दफ्तर के अलावा रजिस्ट्री ऑफिस में पहुंची. राजारहाट में कहां और कितना जमीन है, इसका पता लगाने के साथ कुछ जमीन का माप करना भी शुरू कर दिया. इडी सूत्र बताते हैं कि उनकी टीम मिंटो पार्क के पास रोजवैली के नाम पर होटल, दक्षिण 24 परगना में इस कंपनी के नाम पर जमीन व रिसोर्ट के अलावा फाम हाउस, बागुइहाटी में इस कंपनी के नाम पर दफ्तर व मकान, इसके साथ मंदारमनि में होटल व रिसोर्ट भी जाकर इसे भी जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जल्द इस मामले में इडी की टीम आगे की कार्रवाई करेगी. बताया जा रहा है कि इडी के अबतक की जांच में राजारहाट व न्यू टाउन में रोजवैली के नाम पर 60 जगहों पर प्रॉपर्टी होने के संकेत मिले थे.
इसके अलावा उत्तर व दक्षिण 24 परगना के अलावा कोलकाता, बागुइहाटी व मंदारमनि में भी इस कंपनी के नाम पर प्रॉपर्टी का पता चला था. जिसके बाद उन सभी प्रॉपर्टी को सील कर दिया गया था. इसके अलावा भी और कुछ प्रॉपर्टी है या नहीं, बीएलआओ दफ्तर में इडी के अधिकारी इसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
ज्ञात हो कि बाजार में लोगों को ज्यादा रिटर्न देने के नाम पर उनसे करोड़ों रुपये वसूल कर बाजार से फरार हो जाने का आरोप कंपनी के निदेशक गौतम कुंडू पर लगा था. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर इसकी जांच का भार केंद्रीय जांच एजेंसी को दिया गया था.