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हाशिये पर सबसे पुराना आयुर्वेदिक कॉलेज, अब तक नहीं मिली स्टेट रेफरल सेंटर की पहचान
कोलकाता : स्वास्थ्य क्षेत्र की योजना के संदर्भ प्रशासन की ओर से आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की उपयोगिता व प्रासंगिकता के बारे में चर्चा तो खूब की जाती है, पर इन पद्धतियों से इलाज करनेवाले आयुर्वेदिक कॉलेजों व अस्पतालों की वस्तुस्थिति व चुनौतियों को दरकिनार कर दिया जाता है. इन्हीं कारणों से केंद्र […]
कोलकाता : स्वास्थ्य क्षेत्र की योजना के संदर्भ प्रशासन की ओर से आयुर्वेद और अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की उपयोगिता व प्रासंगिकता के बारे में चर्चा तो खूब की जाती है, पर इन पद्धतियों से इलाज करनेवाले आयुर्वेदिक कॉलेजों व अस्पतालों की वस्तुस्थिति व चुनौतियों को दरकिनार कर दिया जाता है. इन्हीं कारणों से केंद्र सरकार द्वारा प्रमाणित जेबी राय स्टेट आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल हाशिये पर है.
2015 में इस संस्थान ने अपने 100 साल पूरे किये, पर ‘ओल्ड इज गोल्ड’ के बजाय आधारभूत ढांचे व संसाधनों की कमी से यह संस्थान जूझ रहा है. 100 साल से अधिक समय बीत गया पर यह अंडर ग्रेजुएट कॉलेज ही है. यहां पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स चालू नहीं किया गया है. सूत्रों के अनुसार इस कॉलेज में 34 शिक्षक-चिकित्सकों में 4 अस्थायी शिक्षक हैं, जबकि 11 शिक्षकों के पद रिक्त हैं.
उच्च शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को जाना पड़ता है बाहर : पश्चिम बंगाल में एक मात्र सरकारी आयुर्वेदिक कॉलेज जेबी राय कॉलेज के अंडर ग्रेजुएट कोर्स में 60 सीट व इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट आर्वेदिक एजुकेशन एंड रिसर्च में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में मात्र 19 सीट हैं. ऐसे में आयुर्वेद के क्षेत्र में उच्च शिक्षा की चाह रखने वाले विद्यार्थियों को दूसरा राज्य जाना पड़ता है.
नहीं हो पा रहा है रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन : अस्पताल से इंटर्नशिप कर चुके विद्यार्थी अपना रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं, क्योंकि गत एक माह से कॉलेज की लाइब्रेरी बंद है. जूनियर डॉक्टरों के पास कॉलेज लाइब्रेरी की किताब है या नहीं, इसकी जानकारी मिलने पर ही इंटर्नशिप पूरा कर चुके छात्रों को सर्टिफिकेट मिलेगा, जिसके आधार पर पश्चिम बंगाल आयुर्वेद परिषद से वे अपने रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकेंगे. वहीं कॉलेज लाइब्रेरी भी बीमार चल रही है.
सूत्रों के अनुसार, कविराज जे.बी राय, कविराज शिव दास सेन समेत अयुर्वेद के कई महाविद्वानों द्वारा लिखित पुस्तकें कॉलेज की लाइब्रेरी से गायब हैं. कॉलेज के एक इंटर्न सुशोभन पाल ने कहा कि राज्य सरकार को दार्जिलिंग व अलीपुरदुआर में नये मेडिकल कॉलेज खोले जाने की जरूरत है.
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