काउंसेलिंग बंद होने को कॉलेज प्रिंसिपलों ने सही बताया

कोलकाता : सरकारी फरमान के बाद राज्य के सभी कॉलेजों में कैम्पस काउंसेलिंग बंद कर दी गयी है. अब छात्रों को प्रत्यक्ष आकर मार्क्सशीट व कागजात वेरीफिकेशन करने की भी जरूरत नहीं है. सरकार के इस आदेश से कॉलेज के प्रिंसिपल भी संतुष्ट हैं. उनका कहना है कि इस आदेश के बाद वे काफी राहत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2018 2:48 AM
कोलकाता : सरकारी फरमान के बाद राज्य के सभी कॉलेजों में कैम्पस काउंसेलिंग बंद कर दी गयी है. अब छात्रों को प्रत्यक्ष आकर मार्क्सशीट व कागजात वेरीफिकेशन करने की भी जरूरत नहीं है. सरकार के इस आदेश से कॉलेज के प्रिंसिपल भी संतुष्ट हैं. उनका कहना है कि इस आदेश के बाद वे काफी राहत महसूस कर रहे हैं.
कम से कम दाखिले के नाम पर नये छात्रों से कोई पैसा वसूल नहीं कर पायेगा. इस विषय में नव बालीगंज महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ सुकमल दत्ता का कहना है कि सरकार के इस फैसले से कॉलेज प्रशासन सहमत है. कैम्पस में काउंसेलिंग बंद करने से भी व्यवस्था ठीक बनी रहेगी. कक्षाएं शुरू होने के साथ ही छात्रों के कागजात का वैरीफिकेशन होगा, यह निर्णय भी सही है.
इसमें अगर सरकार सभी कॉलेजों में कलकत्ता विश्वविद्यालय की तरह सेन्ट्रली काउंसेलिंग प्रणाली शुरू करती तो ज्यादा अच्छा होता. कलकत्ता विश्वविद्यालय की ओर से एमए, एमकॉम और एमएससी में इस बार सेंट्रली काउंसेलिंग की व्यवस्था की गयी है. कॉलेजों में भी समान पद्धति से काउंसेलिंग के लिए एक ही तिथि तय की जाती, तो ज्यादा सुविधा होती.
इस विषय में सुरेंद्रनाथ कॉलेज के एक शिक्षक का कहना है कि दाखिले के समय छात्रों की भीड़ लगी रहती है. जिन छात्रों का मेरिट सूची में नाम नहीं आ पाता, उनको छात्र यूनियन के सदस्य टार्गेट बना लेते थे. यहीं से कैम्पसोंं में पैसे की लेन-देनी शुरू हो जाती थी. सरकार के आदेश के बाद काफी हद तक वसूली बंद होगी. यह एक सही निर्णय है.

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